Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

प्राण प्रतिष्‍ठा के पहले बदल गई रामलला की मूर्ति! ये क्‍या बोल गए योगीराज?

हमें फॉलो करें raj ji ayodhya

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 25 जनवरी 2024 (12:46 IST)
अयोध्‍या में राम लला की प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद पूरे देश में इसे लेकर धूम है। भगवान राम की मनभावन मूर्ति को देखकर हर कोई भावुक है। अयोध्‍या में श्रीराम के दर्शन के लिए लाखों भक्‍तों का तांता लगा है। इस बीच मूर्ति निर्माण करने वाले कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज ने ऐसी बात कह डाली है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है।

अरुण योगीराज ने कहा है कि नवनिर्मित राम मंदिर के गर्भगृह में जो रामजी की मूर्ति लगाई गई है, वह उन्होंने नहीं बनाई है। उन्‍होंने कहा कि ये वो मूर्ति है ही नहीं जो मैंने बनाई है। एक टीवी इंटरव्‍यू में कही गई योगीराज की इस बात को सुनकर हर कोई सक्‍ते में आ गया है। देशभर में तरह तरह की चर्चा होने लगी है।
webdunia

क्‍या है योगीराज के कहने का मतलब : दरअसल मूर्तिकार योगीराज अपनी बात को अलग तरह से कह रहे थे। उन्होंने कहा कि गर्भगृह के बाहर तक उनकी मूर्ति की छवि अलग थी। लेकिन, जैसे ही मूर्ति को गर्भगृह में प्रवेश कराया गया, उसकी आभा ही बदल गई। इसे मैंने भी महसूस किया। मैंने गर्भगृह में अपने साथ मौजूद लोगों को भी इस संबंध में कहा था कि यह दैवीय चमत्कार है या कुछ और। लेकिन, मूर्ति में बदलाव हो गया था। आजतक चैनल को दिए गए इंटरव्यू में अरुण योगीराज ने कहा कि मेरे पूर्वजों की 300 सालों की तपस्या का यह परिणाम है। मुझे शायद ईश्वर ने इसी कार्य के लिए धरती पर भेजा था। मैं इस जन्म में भगवान श्रीरामलला की मूर्ति बनाऊं, यह मेरे प्रारब्ध में था। अभी मैं किन भावनाओं से गुजर रहा हूं यह शब्दों में बयां नहीं कर सकता।

इतिहास में दर्ज हुई प्राण प्रतिष्‍ठा : 22 जनवरी भारत के इतिहास में दर्ज हो गई। इस दिन अयोध्‍या में पूरे विधि विधान के साथ राम लला की प्राण प्रतिष्‍ठा की गई। इस पूरे समारोह में देश दुनिया से लोग दर्शन करने के लिए अयोध्‍या पहुंचे। पीएम नरेंद्र मोदी, संघ के मोहन भागवत और यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ की उपस्‍थिति में यह भव्‍य और पवित्र आयोजन किया गया।

मूर्ति बनाते समय क्‍या करते थे योगीराज : अरुण योगीराज कहते हैं कि हर दिन रामलला की मूर्ति का निर्माण करते हुए मैंने लोगों की भावनाओं के बारे में सोचा। मैंने यह महसूस करने की कोशिश की कि प्रभु रामलला मुझे बालरूप में आशीर्वाद देते दिखें। लोगों को उनकी आंखों में देखकर श्रद्धा, भक्ति और आस्था का भाव झलके। इसके लिए मैंने काफी समय बच्चों के साथ बिताया। उनकी मुस्कान के समय उनकी आंखों में आती चमक को समझने की कोशिश की। उनके गालों पर आने वाले उभारों को महसूस किया। इसके आधार मूर्ति को फिनिशिंग टच दिया गया है।

webdunia

मुझे नहीं पता था मेरी मूर्ति का हुआ चयन : अरुण योगीराज ने मूर्ति के गर्भगृह में स्थापित किए जाने के मामले पर भी बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से मेरी मूर्ति के चयन के बारे में 29 दिसंबर को बताया गया। इसके बाद मैंने प्रभु रामलला की मूर्ति को फिनिशिंग टच देना शुरू कर दिया। रामलला की मूर्ति राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की गई।
Edited by navin rangiyal


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

republic day 2024 : 1132 पुलिसकर्मी वीरता और सेवा पदक से सम्मानित, सबसे अधिक जम्मू-कश्मीर के