Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

क्यों आता है हार्ट अटैक, वाग्भट्ट की किताब में क्या लिखा है इसका इलाज?

हमें फॉलो करें क्यों आता है हार्ट अटैक, वाग्भट्ट की किताब में क्या लिखा है इसका इलाज?
, शुक्रवार, 26 मई 2023 (16:33 IST)
Heart attack: आयुर्वेद में विस्तार से हर रोग के होने का कारण और निवारण बताया गया है। शास्त्रों में अश्विनीकुमार, वरुण देव, दक्ष प्रजापति और धन्वंतरि को सबसे बड़ा आयुर्वेदाचार्य माना गया है। इसके बाद चरक, च्यवन, सुश्रुत, ऋषि अत्रि, ऋषि भारद्वाज, दिवोदास (काशिराज), नकुल-सहदेव (पांडव पुत्र), अर्कि, जनक, बुध, जावाल, जाजल, पैल, करथ, अगस्त्य, अथर्व, अत्रि ऋषि के छः शिष्य, अग्निवेश, भेड़, जातूकर्ण, पराशर, सीरपाणि, हारीत, जीवक, बागभट्ट, नागार्जुन और पतंजलि का नाम आता है। इसमें बागभट्ट ने इसी परंपरा को उसी तरह व्यवस्थित किया जिस तरह की पतं‍जलि ने योग को।
वागभट्ट या वाग्भट के जन्म समय को लेकर मतभेद है। वाग्भट का जन्म सिंधु देश में हुआ था। ये अवलोकितेश्वर के शिष्य थे। इनके पिता का नाम सिद्धगुप्त और पितामह का नाम वाग्भट था। 675 और 685 ईस्वी में ह्वेन त्सांग के आने के पूर्व 600-650 में बागभट्ट हुए थे। वाग्भट का समय 5वीं सदी के लगभग का है। हालांकि कुछ इतिहासकार मानते हैं कि 500 ईसा पूर्व हुए थे।
 
महर्षि वाग्भट ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को पुन:जीवित कर दिया था। वाग्भट का अष्टांग संग्रह और अष्टांग हृदय आज भी भारतीय चिकित्सा विज्ञान (आयुर्वेद) के मानक ग्रन्थ हैं। अष्टांगहृदय में 6 खण्ड, 120 अध्याय एवं कुल 7120 श्लोक हैं। 
 
अष्टांगहृदय में उन्होंने आयुर्वैदिक औषधियों, चिकित्सा विज्ञान के साथ ही ज्वर, मिरगी, उलटी, दमा, चर्म-रोग, हृदय रोग आदि कई बीमारियों के लक्षण, कारण और उपचार के बारे में लिखा है।
कैसे आता है हार्ट अटैक : हार्ट अटैक के संबंध में बात करें तो किताब के अनुसार हृदय की धमनियों में रक्त के जमाने यानी ब्लॉक होने के कारण को लिखा है। ऐसा हो रहा है तो इसका मतलब है कि इसमें रक्त में अम्लता बढ़ रही है। इसके मतलब है कि रक्त में एसिडिटी बढ़ रही है। यह अम्लता दो तरह की होती है। एक पेट की अम्लता और दूसरी रक्त की अम्लता। यह अम्लता जब ज्यादा बढ़ जाती है तो इसे हाईपर एसिडिटी (hyperacidity) कहते हैं। पेट की अम्लता बढ़ते बढ़ते एक दिन रक्त में अम्लता बढ़ने लगती है।
 
रक्त अम्लता बढ़ती है तो तब खून दिल की धमनियों से आसानी से निकल नहीं पाता है। फिर एक दिन यह ब्लॉक होने लगता है। यानी नलियों को ब्लॉक कर देता है तो हार्ट अटैक आता है।
webdunia
लक्षण : पेट में गैस का बने रहना, अधिक खट्टी डकार आना। मुंह से पानी निकलना और हमेशा घबराहट या बैचेनी बनी रहना। आयुर्वेद के अनुसार रक्त में अम्लता बढ़ने के कारण ही हार्ट अटैक आता है।
 
इसका इलाज क्या है : वाग्भट्ट की किताब के अनुसार रक्त में अम्लता बढ़ गई है तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करें जो क्षारीय हैं। दो तरह की चीजें होती हैं अम्लीय (acidic) और क्षारीय (alkaline)। अब अम्ल और क्षार को मिला दो तो स्थिति सामान्य हो जाती है। मतलब रक्त में अम्लता बढ़ रही है तो क्षारीय चीजों खाओगे तो अम्लता सामान्य अवस्था में हो जाएगी।
 
कौनसी चीजें हैं क्षारीय : लौकी, अंजीर, अंगूर, खजूर, दूध, संतरा, नासपाती, अंकुरित अनाज, नींबू, चुकंदर, पत्ता गोभी, गोभी, गाजर, खीरा, प्याज, मूली, टमाटर, पालक, कद्दू, कोहड़ा, आलू व परवल आदि। 
 
वागभ्ट की किताब में लौकी और उसके रस को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। वागवट जी कहते हैं रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा शक्ति लौकी में है बशर्ते की समय रहते हुए ही उसका सेवन करना प्रारंभ कर दिया जाए।
 
शौच से निवृत्त होने के बाद लौकी का रहस प्रतिदिन सुबह खाली पेट 200 से 300 मिलीग्राम पीना चाहिए। इसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी के डाल लो, तुलसी बहुत क्षारीय है इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते मिला सकते हैं। पुदीना भी बहुत क्षारीय है। इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डालें जो बहुत ही क्षारीय है। कहते हैं कि 2 से 3 महीने की अवधि में आपकी सारी हार्ट की ब्लॉकेज ठीक हो जाएगी।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

IPL match का आनंद लेने के लिए बनाएं ये 5 healthy snacks