Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का ममता बनर्जी को जवाब, GST हटाने से महंगी होंगी कोरोना की दवाएं

हमें फॉलो करें वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का ममता बनर्जी को जवाब, GST हटाने से महंगी होंगी कोरोना की दवाएं
, रविवार, 9 मई 2021 (20:04 IST)
नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि कोविड-19 की दवाओं, टीका और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स की घरेलू आपूर्ति और वाणिज्यिक आयात पर माल एवं सेवाकर (GST) हटाने से ऐसी दवाएं और सामान खरीदारों के लिए महंगे हो जाएंगे।
इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी हटने पर इनके विनिर्माताओं उत्पादन में प्रयोग किए गए कच्चे/मध्यवर्ती माल व सामग्री पर चुकाए गए कर के लिए इनपुट-टैक्स-क्रेडिट का दावा नहीं कर सकेंगे।
 
वर्तमान में टीके की घरेलू आपूर्ति और वाणिज्यिक आयात करने पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है वहीं कोविड दवाओं और आक्सीजन कंसंट्रेटर्स पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है।
सीतारमण ने इन सामानों पर जीएसटी से छूट दिए जाने की मांग को लेकर ट्वीट में जवाब देते हुए कहा कि यदि टीके पर पूरे 5 प्रतिशत की छूट दे दी जाती है तो टीका विनिर्माताओं को कच्चे माल पर दिये गए कर की कटौती का लाभ नहीं मिलेगा और वह पूरी लागत को ग्राहकों, नागरिकों से वसूलेंगे। 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगने से विनिर्माताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ मिलता है और यदि आईटीसी अधिक होता है तो वे रिफंड का दावा कर सकते हैं, इसलिए टीका विनिर्माताओं को जीएसटी से छूट दिए जाने का उपभोक्ताओं को नुकसान होगा।
webdunia
सीतारमण ने आगे कहा कि यदि एकीकृत जीएसटी (आईजीएसीटी) के रूप में किसी सामान पर 100 रुपए की प्राप्ति होती है तो इसमें से केन्द्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी के तौर आधी आधी रकम दोनों के खाते में जाती है। इसके अलावा केंद्र को केन्द्रीय जीएसटी के तौर पर मिलने वाली राशि में से 41 प्रतिशत हिस्सा भी दिया जाता है। इस प्रकार प्रत्येक 100 रुपए में से 70.50 रुपए की राशि राज्यों का हिस्सा होता है।
 
वित्त मंत्री ने कहा कि वास्तव में 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी टीका बनाने वाली कंपनियों और लोगों के हित में है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिन में एक पत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा है जिसमें उन्होंने विभिन्न संगठनों और एजेंसियों से दानस्वरूप मिलने वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, सिलेंडर, क्रायोजिनिक स्टोरेज टेंक और कोविड संबंधी दवाओं को जीएसटी और सीमा शुल्क से छूट दिए जाने की मांग की है।
 
सीतारमण ने ट्‍वीट के जरिए मुख्यमंत्री के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि इस तरह के सामानों को पहले ही सीमा शुल्क और स्वास्थ्य उपकर से छूट दी जा चुकी है। इसके साथ ही देश में मुफ्त वितरण के लिए भारतीय रेडक्रॉस द्वारा आयात की जाने वाली कोविड राहत सामग्री को एकीकृत जीएसटी से भी छूट दी गई है।
 
इसके अलावा किसी भी कंपनी, राज्य सरकार, राहत एजेंसी अथवा स्वतंत्र निकाय के द्वारा राज्य सरकार से प्राप्त प्रमाण-पत्र के आधार पर देश में मुफ्त वितरण के लिए बिना लागत आयात की जाने वाली कोविड सामग्री पर भी आईजीएसटी से छूट दी जा चुकी है।
 
सीतारमण ने कहा कि इस प्रकार के सामन की देश में उपलब्धता बढ़ाने के लिये सरकार ने इस प्रकार की सामग्री के वाणिज्यिक तौर पर आयात किये जाने पर भी मूल सीमा शुल्क और स्वास्थ्य उपकर से पूरी तरह छूट दी है।
 
सरकार ने रेमडेसिविर टीका और इसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री (एपीआई), नैदानिक किट, चिकित्सा श्रेणी की आक्सीजन, आक्सीजन थेरेपी से जुड़ी उपकरण जैसे कि आक्सीजन कंसंट्रेटर्स, क्रायोजेनिक परिवहन टैंक आदि और कोविड टीकों सहित कोविड-19 से जुड़ी राहत सामग्री के आयात को पहले ही सीमा शुल्क से छूट दे दी है।
 
सरकार ने 3 मई से देश में अनुदान के रूप में नि:शुल्क वितरण के लिए प्राप्त होने वाली कोविड राहत सामग्री को आईजीएसटी से भी छूट दे दी है। इस कदम से देश में पहुंचने वाली इस प्रकार की राहत सामग्री को सीमा शुल्क से जल्द मंजूरी दिलाने में मदद मिली है। 
 
इस मामले में हालांकि यह देखा जाएगा कि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त नोडल प्राधिकरण ने सभी प्रकार की राहत सामग्री के नि:शुल्क वितरण के लिए किस इकाई अथवा राहत एजेंसी अथवा सांवधिक संस्था को नियुक्त किया है। (भाषा)


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मरीजों की जान से खिलवाड़ : नमक और ग्लूकोज से बनाते नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन, मप्र में 1200 खपाए