Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

इस दिवाली बीमारियों से बचें, 13 सावधानियां बरतें

हमें फॉलो करें इस दिवाली बीमारियों से बचें, 13 सावधानियां बरतें
दिवाली पर्व का इंतजार हम सबको होता है। धूम धड़ाका मिठाई, मस्ती के बीच हम भूल जाते हैं कि पर्व की खुशियां हमें कितनी बीमारी की सौगात देकर जा रही है। बदलते दौर की जरूरत है कि अब अपने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए दिवाली ऐसी मनाई जाए जो हमारे लिए सुरक्षित भी हो और सुंदर भी।



दिवाली पर होने वाला प्रदूषण सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। हवा में बारूद का जहर घुलता है। ऊंची आवाज वाले पटाखों से कान के पर्दों पर बुरा असर पड़ता है। मिट्टी भी प्रदूषित होती है। पटाखों का कचरा मिट्टी की ऊर्वरा शक्ति को कम करता है। 

 
पटाखों से होने वाली बीमारियां 
 
सुनने की शक्ति कम होना 
उच्च रक्तचाप, 
अस्थमा
अनिद्रा 
सिरदर्द 
चिड़चिड़ाहट 
त्वचा की बीमारियां 
एलर्जी 
आंखों की बीमारियां  
जल्दी थकान 
सांस की गंभीर बीमारी 
 
सावधानियां अगले पेज पर 

सावधानियां 
* सबसे पहले तो याद रखें कि बच्चे अपने परिवार के बीच ही पटाखे चलाएं।  
* पटाखे हमेशा मान्यता प्राप्त दुकानदार से ही खरीदें। 
*पटाखे चलाने से पूर्व उनके पैकेट पर दिए गए निर्देश सावधानी से पढ़ें। 

webdunia
* पानी हमेशा भरकर ही रखें। 
* घर के अंदर कभी भी पटाखे ना चलाएं। 
* अपने पटाखे खुद बनाने का प्रयास तो कतई ना करें। 

* पटाखे के धीरे जलने या बुझने का अंदेशा होने पर पर कभी भी उसे झुक कर ना देखें। पटाखा देखने के लिए कम से कम 10 से 15 मिनट का अंतर रखें अगर फिर भी न जले तो पानी से बुझाएं।  
* एक बार में एक ही पटाखा जलाएं, नए-नए प्रयोग ना करें। 
* बच्चों से पटाखे दूर ही रखें। 

webdunia
* महिलाएं बालों को कसकर बांधें। लहराते और खूब ज्यादा ढीले कपड़े ना पहनें। हो सके तो कॉटन के कपड़े ही पहनें। संभव हो तो कैप और सेफ्टी गॉगल का इस्तेमाल करें। 

* ज्यादा रोशनी बिखेरने वाले या लगातार आग गिरने वाले पटाखों को रेत पर ही चलाएं। फूलझड़ी, चकरी और अनार कई बार देर तक नहीं बुझते और 70 प्रतिशत मामलों में उन्हें गर्म पकड़ लेने से ही दुर्घटना होती है।

webdunia
* जब आप अपने पटाखे चला लें तो जिम्मेदार नागरिक बनिए, सारा कचरा साफ करें। अपने हाथ और पैर अच्छे से धोएं। पटाखों का कचरा जहरीला होता है। इसे ग्लोब्स पहन कर ही उठाएं। 
 
* पटाखों को चलाने से पूर्व पता करें कि आपके आसपास कितने घरों में बुजुर्ग, बीमार, बच्चे और पालतु जानवर है। अगर इनमें से कोई भी आपके शोर से परेशान हो तो दूर खुले मैदान में जाकर आतिशबाजी करें। रिहायशी इलाकों में पटाखों से वैसे भी बचना चाहिए। संभव हो तो इस वर्ष कुछ पटाखे कम चलाएं और उन पैसों से किसी गरीब की दिवाली मनाएं। 

webdunia


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi