Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Hole in Heart: प्रेगनेंसी में इन गलतियों के कारण बच्चे के हो सकता है दिल में छेद

हमें फॉलो करें hole in heart symptoms
hole in heart symptoms
प्रेगनेंसी के दौरान कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। इन बदलाब के कारण कई बार शिशु को समस्या का सामना करना पड़ सकता है। आपने अक्सर सुना होगा कि कई बच्चों को जन्म से ही दिल में छेद की समस्या होती है। दिल में छेद के लक्षण कई बार छोटी उम्र में समझ नहीं आते हैं लेकिन बढती उम्र के साथ ये गंभीर समस्या का रूप ले सकता है।

आपको बता दें कि प्रेगनेंसी के समय अल्ट्रासाउंड की मदद से इस समस्या के बारे में पता लगाया जा सकता है। इस स्थिति से बचने के लिए आपको प्रेगनेंसी में बहुत सतर्कता और देखभाल रखने की ज़रूरत है। चलिए जानते हैं इस विषय से जुडी सारी जानकारी के बारे में...
 
बच्चे के दिल में छेद क्यों होता है?
  • एक्सपर्ट और डॉक्टर के अनुसार दिल में छेद होने का कोई स्पष्ट कारण पता नहीं लगाया जा सकता है लेकिन इस समस्या के कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं। 
  • खराब लाइफस्टाइल, धुम्रपान और शराब के कारण भी आपके बच्चे के दिल पर प्रभाव पड़ता है जिससे उसके दिल में छेद हो सकता है। 
  • साथ ही डॉक्टर के अनुसार जीन में परिवर्तन के कारण भी दिल में छेद होने की समस्या हो सकती है। 
  • शिशु में जन्म से पहले ही उसके दाएं और बाएं दिल के हिस्से अलग नहीं होते, लेकिन जब गर्भ में बच्चा बड़ा हो रहा होता है तो एक दीवार इन दो वेंट्रिकल्स को अलग करती है। 
  • लेकिन, जब यह दीवार पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाती है तो बच्चे के हार्ट में एक या एक से अधिक छेद हो जाता है। इसका आकार अलग-अलग हो सकता है। 

webdunia

दिल में छेद होने के क्या लक्षण होते हैं?
  • बच्चे के दिल में छेद होने का पता कुछ समय के बाद ही चलता है लेकिन इस समस्या की वजह से बच्चे में शुरुआती उम्र में किसी भी तरह के बदलाव देखने को नहीं मिलते हैं। 
  • दिल में छेद होने के कारण बच्चे की दिल की धड़कने असामान्य और अनियमित होती हैं।
  • दिल में छेद होने के कारण बच्चे का वज़न नहीं बढ़ता है और जल्दी थकान होती है। 
  • साथ ही बच्चे की ग्रोथ धीमी गति से होती है और बच्चे के शरीर का विकास ठीक तरह से नहीं होता है। 
बच्चे की सेहत का ध्यान रखने के लिए आप प्रेगनेंसी के समय खास ध्यान रखें। इसके साथ ही अपनी लाइफस्टाइल को बेहतर रखने की कोशिश करें। आप धूम्रपान या शराब का सेवन न करें। साथ ही ज्यादा स्ट्रेस आपके बच्चे की हेल्थ पर प्रभाव डाल सकता है। 


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

World Heart Day 2023: योग के द्वारा कैसे करें दिल की देखभाल