Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

करना है प्रेम विवाह, परेशान हैं गृहकलह से या फिर चाहते हैं कान्हा जैसा सुंदर वर, पढ़ें यह 3 मंत्र

हमें फॉलो करें करना है प्रेम विवाह, परेशान हैं गृहकलह से या फिर चाहते हैं कान्हा जैसा सुंदर वर, पढ़ें यह 3 मंत्र
हर समस्या का करे अंत, श्रीकृष्ण के 3 जन्माष्टमी विशेष मंत्र 
 
वर्ष 2018 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पवित्र पर्व 2 और 3 सितंबर को मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण ऐसे देव अवतार हैं जिनसे हर उम्र के लोग आकर्षित होते हैं। उनका कर्मशील होना उन्हें आम व्यक्ति से सीधा जोड़ता है। उनके जीवन में हर तरह के संघर्ष थे। उनका जन्म ही अत्यंत विपरीत परिस्थितियों में हुआ। उनकी कथाएं आम जनमानस को प्रिय हैं क्योंकि उनसे जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। 
 
जन्माष्टमी के शुभ पर्व पर पढ़ें 3 दिव्य और सरल मंत्र, एक मंत्र प्रेम विवाह में सफलता दिलाता है, दूसरा गृहकलह से छुटकारा दिलाता है और तीसरा मंत्र इतना चमत्कारी है कि अगर विवाह योग्य युवतियां उसे विधि-विधान से जपें तो उन्हें कान्हा जैसा सुंदर वर मिलता है। इस मंत्र का गोपियों ने भी इसी कामना से जप किया था। 
 
1. लव मै‍रिज करना चाहते हैं तो पढ़ें यह श्रीकृष्ण मंत्र 
 
जिन लड़कों का विवाह नहीं हो रहा हो या विवाह में विलंब हो रहा हो, उन्हें शीघ्र विवाह के लिए इस वर्ष आने वाली जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण के इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए-
 
क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।'
 
2. घर में होता हो कलह तो पढ़ें यह श्रीकृष्ण मंत्र 
 
कृष्णाष्टमी का व्रत करने वालों के सब क्लेश दूर हो जाते हैं। दुख-दरिद्रता से उद्धार होता है। जिन परिवारों में कलह-क्लेश के कारण अशांति का वातावरण हो, वहां घर के लोग जन्माष्टमी का व्रत करने के साथ इस मंत्र का अधिकाधिक जप करें :
 
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणतक्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:॥
 
उपर्युक्त मंत्र का नित्य जाप करते हुए श्रीकृष्ण की आराधना करें। इससे परिवार में खुशियां वापस लौट आएंगी। 
 
3 . कान्हा जैसा वर पाने के लिए गोपियों ने किया था इस मंत्र का जाप 
 
जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो रहा हो या विवाह में विलंब हो रहा हो, उन कन्याओं को श्रीकृष्ण जैसे सुंदर पति की प्राप्ति के लिए माता कात्यायनी के इस मंत्र का जप वैसे ही करना चाहिए जैसे द्वापर युग में श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने के लिए गोकुल की गोपियों ने किया था।
 
कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरू ते नम:।।

webdunia


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

श्रीकृष्ण को लगाएं राशि अनुसार भोग और करें श्रृंगार, मिलेगा मनचाहा वरदान