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दो बार के विजेता कप्तान गंभीर को मिले सिर्फ 2.8 करोड़

हमें फॉलो करें दो बार के विजेता कप्तान गंभीर को मिले सिर्फ 2.8 करोड़
बेंगलुरु , शनिवार, 27 जनवरी 2018 (15:50 IST)
बेंगलुरु। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें संस्करण के लिए शनिवार से शुरू हुई 2 दिवसीय नीलामी प्रक्रिया में कई खिलाड़ियों की कीमत हैरानीभरी रही लेकिन ट्वंटी-20 टूर्नामेंट में सफल कप्तान रहे गौतम गंभीर को लेकर फ्रेंचाइजियों के रुख ने सबसे अधिक आश्चर्यचकित किया।
 
कोलकाता नाइटराइडर्स को 2 बार चैंपियन बनाने वाले खिलाड़ी गंभीर को उनकी टीम ने आईपीएल के 11वें सत्र के लिए रिटेन नहीं किया था जिसके बाद वे बाकी खिलाड़ियों के साथ नीलामी प्रक्रिया का हिस्सा बने। हालांकि जहां नीलामी से पूर्व लीग के सफल कप्तान  की बोली को लेकर काफी कयास लगाए जा रहे थे वहीं इससे उलट शनिवार को पहले चरण में मार्की खिलाड़ियों की नीलामी में गंभीर पर अधिकतर फ्रेंचाइजियों ने दिलचस्पी ही नहीं दिखाई।
 
अंतत: दिल्ली के खिलाड़ी गंभीर को दिल्ली डेयरडेविल्स ने उनके बेस प्राइस 2 करोड़ से मात्र कुछ अधिक 2.8 करोड़ रुपए खर्च कर अपनी टीम में शामिल किया, दूसरी ओर कानूनी पचड़ों में फंसे हुए इंग्लिश ऑलराउंडर बेन स्टोक्स पर राजस्थान रॉयल्स ने 12.5 करोड़ की सबसे ऊंची कीमत खर्च कर दी, जो काफी हैरानीभरा है।
 
कोलकाता की टीम को सफल बनाने में भारतीय बल्लेबाज गंभीर की अहम भूमिका रही है जिन्होंने वर्ष 2012 और 2014 में केकेआर को खिताब दिलाकर आईपीएल की सफल टीमों में खड़ा किया लेकिन उनकी फ्रेंचाइजी ने इस बार उन्हें टीम में रिटेन ही नहीं किया।
 
बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के सह मालिकाना हक वाली फ्रेंचाइजी केकेआर ने वर्ष 2011 में गंभीर को अपना कप्तान चुना था जबकि इससे पहले वर्ष 2008 से 2010 तक पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली टीम के कप्तान थे जिनके नेतृत्व में टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और वह केवल लीग चरण तक ही जा सकी।
 
गंभीर को कोलकाता ने 24 लाख डॉलर की भारी कीमत देकर अपनी टीम में शामिल किया था जिसके बाद वर्ष 2011 में उनकी कप्तानी में टीम का प्रदर्शन बेहतर हुआ और वह पहली बार प्लेऑफ तक पहुंची जबकि वर्ष 2012 में गंभीर ने चेन्नई के खिलाफ जीत से टीम को पहली बार चैंपियन बनाया।
 
केकेआर की कप्तानी कर रहे गंभीर उसके अहम खिलाड़ी बन गए और वर्ष 2013 में टीम के लीग चरण तक पहुंचने के बाद फिर वापसी कर उन्होंने अगले वर्ष 2014 में टीम को चैंपियन बना दिया। हालांकि वर्ष 2015 में केकेआर लीग चरण में ही बाहर हो गई जबकि 2016 और 2017 में वह प्लेऑफ तक ही पहुंची थी। (वार्ता)

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