Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कुंडली में ग्रहों की दृष्टियां और उच्च- नीच स्थान

हमें फॉलो करें कुंडली में ग्रहों की दृष्टियां और उच्च- नीच स्थान

अनिरुद्ध जोशी

कुंडली का फलित निकालते या अध्ययन करते समय कई नियम और बातों का ध्यान रखना पड़ता है। उन प्रमुख बातों में से एक है कुंडली में किस ग्रह की दृष्टि कहां पर पड़ रही है और वह ग्रह क्या फल दे रहा है। यहां संक्षिप्त में जानते हैं कि किस ग्रह का कैसा दृष्टि बल है।
 
 
*कोई भी ग्रह एक राशि में जहां भी स्थित होता है वहां अन्य ग्रह की युति और दृष्टि के द्वारा फल देता है।
*कुंडली में प्रत्येक ग्रह अपने स्थान से सातवें स्थान पर पूर्ण दृष्टि (180 डिग्री) रखता है।
*इसके अतिरिक्त शनि तीसरे और दसवें, गुरु पांचवें और नौवें, मंगल चौथे और आठवें स्थान पर भी पूर्ण दृष्टि रखते हैं।
*प्रत्येक ग्रह अपने स्थान से तीसरे और दशवें घर को अंशिक रूप से देखते हैं।
 
 
ग्रहों के उच्च और नीच स्थान :
सूर्य : यह ग्रह मेष में उच्च का और तुला में नीच का होता है।
चंद्र : यह ग्रह वृषभ में उच्च का और वृश्चिक में नीच का होता है।
मंगल : यह ग्रह मकर में उच्च का और कर्क में नीच का होता है।
बुध : यह ग्रह कन्या में उच्च का और मीन में नीच का होता है।
बृहस्पति : यह ग्रह कर्क में उच्च का और मकर में नीच का होता है।
शनि : यह ग्रह तुला में उच्च और मेष में नीच का होता है।
राहु : राहु मिथुन मतांतर से यह ग्रह वृषभ में उच्च का और वृश्चिक में नीच का होता है।
केतु : राहु मिथुन मतांतर से यह ग्रह वृश्चिक में उच्च का और वृषभ में नीच का होता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi