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दोहरी जिम्मेदारी निभाती हुई महिला सिपाही

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नम्रता जायसवाल

हाल ही में यूपी पुलिस की एक महिला कॉन्स्टेबल की फोटो वायरल हुई है। इस फोटो के वायरल होने की खास वजह है इसका दृश्य, जिसमें महिला सिपाही अपनी 6 माह की छोटी सी बच्ची को काउंटर पर लेटाकर ड्यूटी निभाती दिख रही है।


अर्चना नाम की यह महिला इसी तरह रोजाना अपनी बच्ची को साथ लेकर ड्यूटी निभाने आती है। मां बनने के दौरान उन्हें जरूरी छुट्टियां तो मिली थीं, जो उन्होंने ले भी लीं, लेकिन उनकी पोस्टिंग घर से दूर दूसरे शहर में होने की वजह से वे इतनी छोटी बच्ची को अकेले घर में छोड़कर नहीं आ सकतीं, लिहाजा उन्हें ड्यूटी के दौरान अपनी बच्ची को अपने साथ लाना पड़ता हैं। वे बच्ची को कभी किसी मेज पर तो कभी काउंटर पर लेटाकर अपनी ड्यूटी निभाती हैं।

हालांकि जिस तरह से वे अपनी बच्ची और काम दोनों के प्रति निष्ठा से जिम्मेदारी निभा रही हैं, इसे देखना प्रेरणादायक है। जब उनके इस फोटो को डीजीपी ओपी सुभाष बघेल ने देखा, तब उसके बाद उनका महिलाओं की इन समस्याओं की ओर ध्यान गया और उन्होंने अर्चना को 1,000 का इनाम भी घोषित कर दिया। हालांकि अन्य महिला कॉन्स्टेबलों व अफसर महिलाओं को भी मातृत्व के बाद भी कई सालों तक इसी समस्या से जूझना पड़ता होगा। सभी की समस्या का क्या हल होगा, यह तो फिलहाल कह पाना मुश्किल है लेकिन कम से कम अर्चना को डीजीपी ओपी सुभाष बघेल ने यह आश्वासन दिया है कि उनकी पोस्टिंग उनके मुख्य घर आगरा के पास कर दी जाएगी।

डीजीपी ओपी सुभाष बघेल और अन्य कई लोग अर्चना को इस तरह से दोहरी जिम्मेदारी निभाते देख उसकी तारीफ कर रहे हैं। लेकिन जब अर्चना से पूछा गया, तब उनका जवाब था कि उसके पति सुबह ही नौकरी के लिए निकल जाते हैं। उनकी एक बड़ी बेटी भी है जिसे उन्हें सास-ससुर के पास छोड़ना पड़ा, वहीं छोटी बेटी अभी केवल 6 माह की है जिसकी देखभाल वही कर सकती है इसलिए वे सुबह घर का सारा काम करने के बाद बच्ची को साथ लेकर ड्यूटी पर आती हैं। ड्यूटी करते हुए भी बच्ची को संभालने में उन्हें कई तरह की परेशानियां होती हैं। इस तरह संतुलन बनाना उसके लिए कतई आसान नहीं है।

खैर, इस तरह की कई तस्वीरें और वाकये सुनने में आते हैं, जो प्रेरणा का स्रोत होते हैं। लेकिन जब गहराई से उन्हें देखा जाए तो हम पाएंगे कि महिलाएं कई बार अनगिनत दायित्वों को निभाने के लिए मजबूर भी हैं, फिर चाहे इसमें उन्हें कितनी ही परेशानियों का सामना क्यों न करना पड़ता हो? यदि आप ऐसी महिलाओं की तारीफें करते हैं, तो आप उनका हौसला जरूर बढ़ाते हैं लेकिन अगर सही मायने में कुछ करना चाहते हैं तो उनकी जिम्मेदारी बांटकर उनके जीवन को सरल बनाने में उनका साथ दीजिए।

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