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ED के लॉकअप में CM अरविन्द केजरीवाल, नहीं देंगे इस्तीफा

2 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने केजरीवाल को किया ‍गिरफ्तार

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 21 मार्च 2024 (23:55 IST)
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal arrested: दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में 2 घंटे की पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। शाम 7 बजे ईडी की टीम केजरीवाल के आवास पर पहुंची, जबकि रात को करीब सवा 9 बजे उन्हें गिरफ्तार किया गया है। हालांकि ईडी टीम की तलाशी का सिलसिला रात 11 बजे तक चलता रहा।
 
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद ईडी उन्हें उनके आधिकारिक आवास से मध्य दिल्ली में स्थित अपने कार्यालय ले गई। केजरीवाल की आज की रात ईडी दफ्तर के लॉकअप में गुजरेगी। 
केजरीवाल नहीं देगे इस्तीफा : यह भी कहा जा रहा है ‍कि गिरफ्तारी के बावजूद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे और जरूरत पड़ने पर जेल से सरकार चलाएंगे। ऐसा कोई नियम नहीं है जो जेल से सरकार चलाने की मनाही करता हो।

आतिशी ने यह भी कहा कि आप ने ईडी की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हमने सुप्रीम कोर्ट से तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया है। ईडी की कार्रवाई पर आप के सांसद राघव चड्ढा ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनावों से ठीक पहले केजरीवाल को गिरफ्तार करने की बड़ी साजिश रची गई।
 
दिल्ली हाईकोर्ट केजरीवाल को ईडी की किसी दंडात्मक कार्रवाई से राहत देने से इनकार करने के कुछ ही घंटों बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। पद पर रहने के दौरान किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी का यह पहला मामला है। लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान के बीच, केजरीवाल (55) की गिरफ्तारी पर आप ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हालांकि, भाजपा ने नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री पद से उनके इस्तीफे की मांग की है।
 
10 सदस्यीय टीम केजरीवाल के आवास पर पहुंची : अधिकारियों ने बताया कि तेजी से हुए घटनाक्रम वाले दिन, ईडी के एक अतिरिक्त निदेशक के नेतृत्व में एजेंसी की 10 सदस्यीय टीम यहां सिविल लाइंस स्थित उनके आधिकारिक आवास पर पहुंची और तलाशी ली। मुख्यमंत्री आवास पर ईडी की टीम के पहुंचने के 2 घंटे से अधिक समय बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। ईडी शुक्रवार को अदालत में मुख्यमंत्री को पेश करेगी और पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में देने का अनुरोध करेगी।
केजरीवाल मामले में पूछताछ के लिए एजेंसी द्वारा जारी किए गए 9 समन को टाल चुके थे। इनमें नया समन बृहस्पतिवार 21 मार्च को जारी किया गया। उन्होंने इन समन को ‘अवैध’ करार दिया था।  ईडी के अधिकारियों द्वारा केजरीवाल के आवास के अंदर कार्रवाई किए जाने के दौरान दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त बलों के अलावा आरएएफ तथा सीआरपीएफ के कर्मियों को मुख्यमंत्री आवास के आसपास तैनात किया गया था।
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आप कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन : इस बीच, आप के काफी संख्या में समर्थक और नेता मुख्यमंत्री आवास के निकट एकत्र हुए और ईडी की कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने केजरीवाल के समर्थन में नारे लगाए और ईडी की कार्रवाई की निंदा की।
 
पिछले हफ्ते, तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी एवं भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को हैदराबाद स्थित उनके आवास से एजेंसी ने गिरफ्तार किया था, जो अभी इसी मामले में 23 मार्च तक ईडी की हिरासत में हैं। 
 
यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति तैयार करने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार एवं धन शोधन से संबद्ध है। हालांकि, बाद में यह नीति रद्द कर दी गई। आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
 
ईडी के आरोपपत्र में केजरीवाल के नाम का उल्लेख कई बार किया गया है। एजेंसी का आरोप है कि आरोपी आबकारी नीति बनाने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे। यह नीति बनाने और इसे लागू करने के लिए आप पर रिश्वत लेने का आरोप है।
 
क्या कहा प्रियंका गांधी ने : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा चुनाव के कारण दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाना गलत और असंवैधानिक है। प्रियंका गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि चुनाव के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस तरह निशाना बनाना एकदम गलत और असंवैधानिक है। राजनीति का स्तर इस तरह से गिराना न प्रधानमंत्री जी को शोभा देता है, न उनकी सरकार को।
 
उन्होंने कहा कि अपने आलोचकों से चुनावी रणभूमि में उतरकर लड़िए, उनका डटकर मुक़ाबला करिए, उनकी नीतियों और कार्यशैली पर बेशक हमला करिए, यही लोकतंत्र होता है। मगर इस तरह देश की सारी संस्थाओं की ताकत का अपने राजनीतिक मक़सद को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करना, दबाव डालकर उन्हें कमज़ोर करना लोकतंत्र के हर उसूल के खिलाफ है। (भाषा/वेबदुनिया)
 


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