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सोनिया के गढ़ रायबरेली से प्रियंका गांधी वाड्रा 'लापता'...

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, सोमवार, 22 अक्टूबर 2018 (14:13 IST)
रायबरेली। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में इन दिनों प्रियंका गांधी वाड्रा की गुमशुदगी के पोस्टर लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।


अमेठी में गोल चौराहा रतापुर, खीरो, सिमरी समेत कई प्रमुख सड़कों और चौराहों पर लगे पोस्टरों में दर्शाया गया है कि हरचंदपुर रेल हादसा, ऊंचाहार में हुई दुर्घटनाओं में पांच लोगों की मौत और रालपुर में डूबी नाव में बच्चों की हुई मौत के बाद भी गांधी परिवार ने रायबरेली का रुख नहीं किया है, जबकि चुनाव के दौरान यही गांधी परिवार बड़े-बड़े दावे के साथ हक जताता है कि रायबरेली हमारा परिवार है।

पोस्टर में सवाल उठाए गए हैं कि यदि उनका परिवार रायबरेली का है तो इन तमाम हादसों के बाद आखिरकार सांसद सोनिया गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी, जो चुनाव के दौरान रायबरेली की बागडोर संभालती हैं, उन्हें इन हादसों के बाद यहां की याद क्यों नहीं आई है। गौरतलब है कि कुछ रोज पहले इसी तरह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की गुमशुदगी के पोस्टर उनके संसदीय क्षेत्र अमेठी में दिखाई दिए थे।

फिलहाल लापता प्रियंका के पोस्टर शहर के कई कोनों में चिपके देखे जा रहे हैं, जिसे लेकर तमाम तरह की चर्चाएं की जा रही हैं। कुछ लोग इसे आगामी चुनाव को लेकर राजनीति कह रहे हैं। पोस्टर में निवेदक आदि किसी का नाम नहीं दर्शाया गया है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपनी सांसद निधि से रायबरेली के विकास के लिए 2.5 करोड़ रुपए दिए थे, जिसकी पहली किस्त जिले में आ चुकी है और उससे विकास कार्य भी शुरू करा दिए गए हैं। इसे लेकर भी राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। उधर श्रीमती गांधी अस्वस्थ होने के कारण काफी दिनों से जिले के दौरे पर नहीं आई हैं, जिसको लेकर यहां कयास लगाए जा रहे हैं कि 2019 के लोकसभा के चुनाव में प्रियंका रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं।

पोस्टर को लेकर पार्टी के जिला अध्यक्ष वीके शुक्ला ने पत्रकारों से कहा कि अरुण जेटली को साढ़े चार साल रायबरेली की याद नहीं आई और जब चुनाव आ गए हैं तो इन लोगों को यहां की याद आई है। पिछले चुनाव में भी एक बाहरी उम्मीदवार अजय अग्रवाल को यहां से भाजपा ने चुनाव लड़ाया था और मोदी लहर की बात कहकर बड़े-बड़े दावे किए गए थे, लेकिन जनता ने सारे दावों की हवा निकाल दी थी। यदि जेटली में हिम्मत है तो रायबरेली से चुनाव लड़कर देख लें, यहां की जनता उनकी जमानत जब्त करा देगी।

उन्होंने कहा कि जनता केंद्र सरकार के झूठे वादों से परेशान है। महंगाई और भ्रष्टाचार चरम पर है, जब अरुण जेटली तो तथाकथित मोदी लहर में भी पंजाब से बुरी तरह हार गए थे। (वार्ता) 

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