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क्या केजरीवाल को मिलेगी जमानत? SC 10 मई को पारित करेगा आदेश

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 8 मई 2024 (17:55 IST)
Decision on Kejriwal bail on May 10: उच्चतम न्यायालय कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) की अंतरिम जमानत को लेकर 10 मई को अपना आदेश सुनाएगा।
 
गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ की अध्यक्षता करने वाले न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा कि हम शुक्रवार को अंतरिम आदेश (अंतरिम जमानत पर) सुनाएंगे। गिरफ्तारी को चुनौती देने से जुड़े मुख्य मामले पर उस दिन सुनवाई भी होगी। ALSO READ: दिल्ली उच्च न्यायालय ने की केजरीवाल के लिए सुविधाओं की मांग करने वाली जनहित याचिका खारिज
 
क्या कहा था कोर्ट ने : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि वह नहीं चाहता कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने पर वह अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करें, क्योंकि इससे हितों का टकराव होगा। इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। ALSO READ: सुनीता केजरीवाल बोलीं, दिल्ली के CM की गिरफ्तारी का जवाब लोग अपने वोट से देंगे
 
क्या कहा केजरीवाल के वकील ने : केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल आबकारी नीति से जुड़ी फाइल पर कोई भी कार्रवाई नहीं करेंगे। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि अंतरिम जमानत पर रिहा होने पर केजरीवाल किसी भी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, बशर्ते कि दिल्ली के उपराज्यपाल सिर्फ इसलिए फैसलों को खारिज न कर दें, क्योंकि फाइल पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। ALSO READ: भाजपा ने केजरीवाल के घर के पास लगाया बोर्ड, लिखा शीश महल भ्रष्‍टाचार का अड्डा
 
क्या कहा ईडी के वकील ने : ईडी की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने लोकसभा चुनावों के कारण केजरीवाल के प्रति किसी भी तरह की नरमी दिखाने का कड़ा विरोध किया और कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक को अंतरिम जमानत देना नेताओं के लिए एक अलग श्रेणी बनाने के समान होगा।
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अदालत ने कहा : हम इस पर गौर नहीं करने जा रहे हैं कि यह किसी राजनेता का मामला है या नहीं। इसमें शामिल प्रत्येक व्यक्ति विशेष के पास कुछ विशेष या असाधारण मामले या परिस्थितियां हैं। हम केवल इस बात पर विचार कर रहे हैं कि चुनाव के मद्देनजर क्या यह अपवाद वाला मामला है या क्या इसमें शामिल व्यक्ति किसी असाधारण परिस्थिति में है...बस इतना ही।
 
ईडी वकील : मेहता ने कहा कि मौजूदा चुनावों के आधार पर केजरीवाल को जमानत देने से एक गलत मिसाल कायम होगी और अन्य लोग भी इसी तरह की छूट का अनुरोध करेंगे। अदालत केवल एक व्यक्ति के लिए अपरिहार्य स्थिति का जिक्र कर रही है। अगर कल कोई किराना दुकान का मालिक या कृषक आता है और किसी मामले में राहत चाहता है, तो सरकारी वकील किसी मामले पर बहस नहीं कर पाएगा। मैं जानता हूं कि ये दलीलें कठोर हैं।
 
ईडी वकील : इस समय देश भर में सांसदों से जुड़े लगभग 5000 मामले लंबित हैं। क्या उन सभी को जमानत पर रिहा किया जाएगा? क्या एक कृषक कम महत्वपूर्ण है, जिसके लिए कटाई बुआई का मौसम होता है। मेहता ने कहा कि अगर केजरीवाल ने जांच में सहयोग किया होता और 9 समन को नजरअंदाज नहीं किया होता, तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता।
 
सुप्रीम कोर्ट : पीठ ने कहा कि केजरीवाल आदतन अपराधी नहीं हैं। वह दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और निर्वाचित नेता हैं। चुनाव हो रहे हैं। यह असाधारण स्थिति है। आम तौर पर, लोकसभा चुनाव हर पांच साल में होते हैं। पीठ ने दलीलें सुनने और राजू द्वारा दिए गए नोट पर गौर करने के बाद पूछा कि ईडी ने मामले की जांच में इतना समय क्यों लिया? आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया) 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala


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