Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(दशमी तिथि)
  • तिथि- वैशाख कृष्ण दशमी
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00 तक
  • व्रत/मुहूर्त-भद्रा, प्रेस स्वतंत्रता दिवस
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

मनोकामना पूर्ति हेतु नवरात्रि में कैसे करें मां दुर्गा की आराधना, पढ़ें नौ दिन के मंत्र

हमें फॉलो करें मनोकामना पूर्ति हेतु नवरात्रि में कैसे करें मां दुर्गा की आराधना, पढ़ें नौ दिन के मंत्र
प्रत्येक युग में 9 देवियां अलग-अलग होती हैं। यह एक वृहद विषय है जिसका उल्लेख यहां संभव नहीं है। शीघ्र सिद्धि के लिए नियत जप-पूजन इत्यादि आवश्यक है। इससे भी अधिक आवश्यक है श्रद्धा व विश्वास।

कलियुग में प्रत्येक‍ दिन की देवियां अलग-अलग अधिष्ठात्री हैं जिनकी साधना से कामना-पूर्ति अलग-अलग है, जो निम्न प्रकार से की जा सकती है।
 
1. माता शैलपुत्री : पर्वतराज हिमालय की पुत्री माता दुर्गा का प्रथम रूप है। इनकी आराधना से कई सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
 
प्रतिपदा को मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्ये नम:' की माला दुर्गा जी के चित्र के सामने यशाशक्ति जप कर घृत से हवन करें।
 
2. माता ब्रह्मचारिणी : माता दुर्गा का दूसरा स्वरूप पार्वतीजी का तप करते हुए है। इनकी साधना से सदाचार-संयम तथा सर्वत्र विजय प्राप्त होती है। चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन पर इनकी साधना की जाती है।

 
द्वितिया को मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:', की माला दुर्गा जी के चित्र के सामने यशाशक्ति जप कर घृत से हवन करें।
 
3. माता चन्द्रघंटा : माता दुर्गा का यह तृतीय रूप है। समस्त कष्टों से मुक्ति हेतु इनकी साधना की जाती है।
 
तृतीया को मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चन्द्रघंटायै नम:' की 1 माला जप कर घृत से हवन करें।
 
4. माता कूष्मांडा : यह मां दुर्गा का चतुर्थ रूप है। चतुर्थी इनकी तिथि है। आयु वृद्धि, यश-बल को बढ़ाने के लिए इनकी साधना की जाती है।

 
चतुर्थी को मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै नम:' की 1 माला जप कर घृत से हवन करें।
 
5. माता स्कंदमा‍ता : दुर्गा जी के पांचवे रूप की साधना पंचमी को की जाती है। सुख-शांति एवं मोक्ष को देने वाली हैं।
 
पांचवें दिन मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कंदमा‍तायै नम:' की 1 माला जप कर घृत से हवन करें।
 
6. मां कात्यायनी : मां दुर्गा के छठे रूप की साधना षष्ठी तिथि को की जाती है। रोग, शोक, संताप दूर कर अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष को भी देती हैं।

 
छठे दिन मंत्र- 'ॐ क्रीं कात्यायनी क्रीं नम:' की 1 माला जप कर घृत से हवन करें।
 
7. माता कालरात्रि : सप्तमी को पूजित मां दुर्गा जी का सातवां रूप है। वे दूसरों के द्वारा किए गए प्रयोगों को नष्ट करती हैं।
 
सातवें दिन मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नम:' की 1 माला जप कर घृत से हवन करें।
 
8. माता महागौरी : मां दुर्गा के आठवें रूप की पूजा अष्टमी को की जाती है। समस्त कष्टों को दूर कर असंभव कार्य सिद्ध करती हैं।

 
आठवें दिन मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्ये नम:' की 1 माला जप कर घृत या खीर से हवन करें।
 
9. माता सिद्धिदात्री : मां दुर्गा के इस रूप की अर्चना नवमी को की जाती है। अगम्य को सुगम बनाना इनका कार्य है।
 
नौवें दिन मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नम:' की 1 माला जप कर जौ, तिल और घृत से हवन करें।
 
माता दुर्गा के किसी भी चि‍त्र की स्थापना कर यथाशक्ति पूजन कर, नियत तिथि को मंत्र जपें तथा गौघृत द्वारा यथाशक्ति हवन करें। तंत्र का नियम आदि किसी विद्वान व्यक्ति द्वारा समझकर करें। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

यश प्राप्ति के लिए प्रतिदिन ऐसे चढ़ाएं सूर्य को जल, पढ़ें 12 जरूरी बातें