Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

प्रेम कविता: वो मेरा दोस्त...!

हमें फॉलो करें प्रेम कविता: वो मेरा दोस्त...!
webdunia

राकेशधर द्विवेदी

वो मेरा दोस्त मुझे अब खुदा सा लगता है।
तमाम मोड़ में सबसे जुदा सा लगता है।
हंसता है तो आकाश में चांद खिला सा लगता है
जुल्फें जब वो लहराएं कजरारे मेधा घना सा लगता है।
हो जाए जब वो मुझसे रुखसत दिन ढला सा लगता है।
जब वो फिर मुझसे मिल पाए दिन खुशनुमा सा लगता है
लफ्ज में है उसके जादू, चाल है उसकी मतवाली 
इस पूरी बस्ती में वो ही हमनवा सा लगता है
मेरी दीवानगी का आलम तो देखो मैं कहने से शरम करता हूं
उसके बिना ये जीवन बेसुरा सा लगता है।
यदि मुझको न मिल पाए खुदा खफा सा लगता है।
वो तमाम भीड़ में सबसे जुदा सा लगता है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

यक्षप्रश्न: बच्चों के लिए आप क्या कर रहे हैं?