उज्जैन में ग्रीनविच टाइम की तरह वैदिक घड़ी लगाई गई है। यह घड़ी उज्जैन में जंतर-मंतर के भीतर सरकारी जीवाजी वेधशाला के निकट 85 फुट ऊंचे टॉवर पर लगी हुई है।

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी वेदों के VST=1.25 Time Zone- Sunrise पर आधारित है। इसका मापन डोंगला स्थित वेधशाला को आधार बनाकर किया गया है।

इसमें समय देखने के साथ ही संवत, पंचांग, मुहूर्त, ग्रह-नक्षत्र, चौघड़िया, ग्रहण, भद्रा स्थिति, व्रत-त्योहार, संक्रांति और पर्व आदि की जानकारी भी मिलेगी।

यह घड़ी मौजूद स्थान के सूर्योदय के आधार पर समय की गणना करेगी।

इस घड़ी को मोबाइल और टीवी पर भी सेट किया जा सकेगा। इसके लिए विक्रमादित्य वैदिक घड़ी मोबाइल ऐप भी जारी किया जाएगा।

इस घड़ी में 1 से 12 के स्थान पर क्रमशः- ब्रह्म, अश्विनौ, त्रिगुणा, चतुर्वेदा, पञ्चप्राणा:, षड्रसाः, सप्तर्षयः, अष्टसिद्धयः, नवद्रव्याणि, दशदिशः, रुद्राः एवं आदित्याः लिखा है।

इनमें से 12 आदित्य, 11 रूद्र, 8 वसु एवं 2 अश्विनीकुमारों की गिनती सनातन धर्म के प्रसिद्ध 33 कोटि देवताओं में की जाती है।

वैदिक घड़ी में मौजूदा ग्रीनविच पद्धति की समय गणना यानी घंटे, मिनट, सेकंड वाली घड़ी भी रहेगी।

उज्जैन प्राचीनकाल में विश्‍व की कालगणा का केंद्र रहा है। इसीलिए यहां के ज्योतिर्लिंग को महाकाल कहा जाता है।

वैदिक घड़ी में मौजूदा ग्रीनविच पद्धति के 24 घंटों को 30 मुहूर्त (घटी) में विभाजित किया गया है।

वैदिक घड़ी इंटरनेट, जीपीएस से जुड़ी होगी जिसका हर जगह के लोग उपयोग कर सकेंगे।

12 ज्योतिर्लिंग कहां है, मृत्युलोक में महाकाल खास

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