मीडिया में साहित्य नहीं बचा : डॉ. नामवर सिंह

प्रख्यात आलोचक डॉ. नामवर सिंह से एक मुलाकात

भाषा
' हिन्दी में आने वाले विदेशी प्रकाशक वास्तव में हिन्दी की जमीन को नहीं पकड़ पा रहे हैं और उनमें साम्राज्यवादी सोच का प्रभाव है।' यह बात हिन्दी के प्रख्यात आलोचक डॉ. नामवर सिंह ने कही है।

डॉ. नामवर सिंह के अनुसार, 'अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद तो अभी शुरू हुआ है। विदेशी प्रकाशक एक वक्त में हिन्दी की बेस्टसेलर किताबों का अनुवाद करने आए थे। इन लोगों ने आधा गाँ व और राग दरबार ी जैसी किताबों के हिन्दी से अंग्रेजी में अनुवाद छापे थे। मगर हिन्दी के बढ़ते बाजार को देखते हुए मैकमिलन, पेंग्विन और हॉर्पर कॉलिंस जैसे बड़े प्रकाशक हिन्दी में आए, लेकिन लेखकों के साथ इनके व्यावसायिक रिश्ते खराब हैं, जिसे लेकर लेखकों के अंदर असंतोष है। इसी कारण मैकमिलन बंद हो गया।

यहाँ तक कि अन्य भारतीय भाषाओं के प्रकाशक भी हिन्दी में कभी सफल नहीं हो पाए। इसका मुख्य कारण हिन्दी समाज खास तरह की किताबें पढ़ना पसंद करता है, जिसका अंदाजा अन्य भाषाओं के प्रकाशक नहीं लगा पाते और असफल हो जाते हैं। पुस्तक विक्रेता और पुस्तक प्रकाशक में बड़ा फर्क होता है और हिन्दी में कुकरमुत्ते की तरह आकर विफल होने वाले प्रकाशक इस फर्क को नहीं समझ पाते हैं। हिन्दी के भविष्य के बारे में उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार हिन्दी ही नहीं बल्कि समस्त भारतीय भाषाओं का स्वागत कर रहा है। अब देखना यह है कि भारतीय समाज इसे किस तरह लेता है।

उन्होंने कहा कि शुरूआत में बंबई (वर्तमान मुंबई) प्रकाशन उद्योग का केन्द्र था और सभी बड़े पत्रकार लेखक वहाँ से थे। बाद में यह केंद्र इलाहाबाद चला गया और इस वक्त हिन्दी केंद्र भले ही दिल्ली हो लेकिन लेखक आज भी उत्तर भारत के गाँव का होता है।

उन्होंने कहा कि साहित्य की आलोचना विधा को हमेशा पक्षपातपूर्ण ही कहा जाएगा क्योंकि इसमें आलोचक किसी की खुलकर प्रशंसा नहीं कर सकता है। अभिव्यक्ति के दो माध्यम ‘कलम’ और ‘जीभ’ हैं और हिन्दी साहित्य में आलोचक दूसरी विधा का उपयोग अधिक करता है।

नामवर सिंह के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संक्रमण के दौर से गुजर रहा है और वर्तमान में खबर भी विज्ञापन बन गयी है। साहित्य भी मीडिया का हिस्सा है, लेकिन इसमें साहित्य के लिए कोई स्थान नहीं है।

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

रसोई की इन 7 चीजों में छुपा है आपका स्किन ब्राइटनिंग सीक्रेट, तुरंत जानें इनके बेहतरीन फायदे

Health Alert : कहीं सेहत के लिए हानिकारक तो नहीं है सहजन की फली?

सॉफ्ट आटा गूंथने के 4 सही तरीके, रोटियां बनेंगी फूली हुई और मुलायम

आपके घर के किचन में छुपा है आयल फ्री त्वचा का राज, जानिए ये होममेड क्लींजर बनाने का तरीका

ऑफिस में बनाना चाहते हैं बढ़िया इमेज तो भूलकर भी ना करें ये गलतियां

सभी देखें

नवीनतम

नीबू हल्‍दी से कैंसर ठीक करने का नुस्‍खा बताकर फंसे नवजोत सिंह सिद्धू, ठोका 850 करोड़ का केस

सुबह नाश्ते में इस सफेद चीज का सेवन बढ़ाएगा आपकी याददाश्त, तेज दिमाग के लिए जरूर करें ये वाला नाश्ता

ये है अमिताभ बच्चन की फिटनेस का सीक्रेट: 82 की उम्र में फिट रहने के लिए खाते हैं इस पौधे की पत्ती

बढ़ता प्रदूषण आपकी स्किन को भी पहुंचा रहा है नुकसान, जानें कैसे करें अपनी स्किन केअर प्लान

क्या आपका ब्रश दे रहा है बीमारियों को न्योता, ओरल हेल्थ के लिए कब बदलना चाहिए ब्रश