2014 : राशि के अनुसार अपनाएं यह उपाय

2014 में राशि के अनुसार क्या करें कि सब शुभ हो

पं. उमेश दीक्षित
मेष-

शनि के लिए छाया दान करें। केतु के लिए काले कुत्ते को तेल लगाकर रोटी खिलाएं। गणेश आराधना ठीक रहे। अमावस्या को पितरों के निमित्त भोजन कराएं।



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वृषभ-

हनुमान मंदिर में बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ नित्य करें। सूर्य को अर्घ्य दें। वृद्धों की सेवा करें व आशीर्वाद लें। शिव मंदिर में दूध-मिश्रित जल चढ़ाएं।


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मिथुन-

शिवजी का अभिषेक करें। 'ॐ नमो शिवाय' का जप नित्य करें। पक्षियों को दाना दें। गरीबों-अपंगों को भोजन दें। शनिवार को हनुमान मंदिर में दीपक लगाकर भोग चढ़ाएं।



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कर्क-

संतों-वृद्धों-गुरु की सेवा करें। कुत्ते-कौए को भोजन दें। पितरों के निमित्त दान दें। हनुमानजी का कोई भी मंत्र-स्तोत्र का यथाशक्ति जाप करें। माता-पिता का अपमान न करें।


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सिंह-

देवी लक्ष्मी-दुर्गा का पूजन-अर्चन करें। कुमारी पूजन-भोजन करवाएं, कृपा मिलेगी। कुत्तों को रोटी खिलाएं। सूर्य को अर्घ्य दें। हनुमानजी की सेवा करें।



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कन्या-

अपने कुल देवता या इष्ट देवता की आराधना करें। क्लेशों में शांति होगी। गाय को रोटी दें। दुर्गार्चन शुभ रहे। किसी का भी अपमान न करें। कोयले पानी में बहाएं।


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तुला-

हनुमान बाहुक, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण में से कोई एक के 11 पाठ रोज करें। बंदरों को गुड़-चना खिलाएं। गाय-कुत्ते को रोटी दें। माता-पिता को प्रणाम कर घर से निकलें। किसी का अपमान न करें।


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वृश्चिक-

हनुमानजी की आराधना शुभ रहे। शनि दर्शन करें। लहसुन, तेल, लोहे का दान करें। शिवजी को जल चढ़ाएं। ‍वरिष्ठों का आशीर्वाद प्राप्त करें। चींटियों को चुग्गा दें।


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धनु-

गुरु, संत, वृद्धों की सेवा करें। 'श्रीकृष्ण शरणं मम्' का जप करें। 'ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' का जप करें। वस्त्र-भोजन दान दें।



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मकर-

दुर्गार्चन शुभ रहे। गुरु की सेवा करें।

' ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नम:' जपें। कन्या बटुक भोजन करवाएं। इष्ट आराधना करें।


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कुंभ-

ध्यानयोग-राजयोग करें। श्रीमद ् भगवत गीता का पाठ नित्य करें व मनन करें। काली-तारा उपासना शुभ रहे। महिलाओं का सम्मान करें।


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मीन-

पीपल, बड़, आंवला इत्यादि के वृक्ष लगाकर सेवा करें। नित्य पीपल-बड़ में जल दीपक लगाएं तथा परिक्रमा करें।

नोट : सभी राशियों के लिए बालक, वृद्ध, स्त्री, वनस्पति, नदी, जल का सम्मान करें। अत्यधिक भाषण क्लेशकारक हो सकता है। व्यसनों से दूरी प्रगति प्रशस्त करती है। स्वाध्याय व इष्ट आराधना संकट में सहायता करती है।

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