सावधान रहें : खबरदार होने की जरूरत यहीं पर है। जैसे ही आप अपना बैंक चुनते हैं तो बैंक का पन्ना खुलता है जहां आपको तमाम पासवर्ड या पिन नंबर भरने पड़ते हैं।
चार्टर्ड एकांउटेंट कुलदीप सिंह कहते हैं, 'पिछले कुछ महीनों में उनके कुछ क्लाइंट्स के पास ऐसे ईमेल आए हैं जिसमें आयकर विभाग ने उपभोक्ता को अपनी देनदारी की बात कही है। पर सवाल ये है कि जब देनदारी है ही नहीं तो भला विभाग पैसे क्यों देगा।'
कुलदीप ये भी कहते हैं कि उन्होंने अपने क्लाइंट के कहने पर उनके टैक्स के पुराने ब्यौरे देखे और पाया कि विभाग की ओर से कोई भी देनदारी बकाया नहीं है।
एक अन्य चार्टेड एकाउंटेंट अनुज कहते हैं कि 'आयकर विभाग इस तरह से कभी भी ईमेल नहीं भेजता है। अगर आपका रिफंड देय है भी, तो विभाग आपको लिखित नोटिस आपके रजिस्टर्ड पते पर भेजेगा। न कि ईमेल के जरिए आपसे बैंक डिटेल्स मांगेगा।' यही नहीं, अगर आप आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाएं तो इससे पहले कि होमपेज खुले, ग्राहकों के लिए संदेश नजर आता है, जिसके मुताबिक विभाग किसी भी करदाता के बैंक, क्रेडिट कार्ड या फिर अन्य किसी वित्तीय खाते के पिन नंबर, पासवर्ड कभी नहीं मांगता है।
आयकर विभाग ने करदाताओं से अपील की है कि वो इस तरह के जानकारी मांगने वाले ईमेल का जवाब न दें।
भरोसे से खिलवाड़ : ऐसे मामलों में नकली की पहचान बेहद मुश्किल है। पर पैसे किसे बुरे लगते हैं। खासतौर पर तब जब इन्कम टैक्स वाले वापस कर रहे हों। मेल पर भरोसा कर उपभोक्ता लॉग इन कर रहे हैं और उनके पासवर्ड चोरी हो रहे हैं।
आई टी विशेषज्ञ विश्वनाथन कहते हैं, 'इस तरह के मेल स्पैम हैं। स्पैम का मतलब है कि एक ही आईपी एड्रेस से हजारों लोगों को मेल भेजना। इस तरह के मेल का जवाब देने पर जब आप पासवर्ड भरने लगते हैं तो वो हैकर कीलॉगर के जरिए आपके गोपनीय पासवर्ड हासिल कर लेता है, इसके बाद मौका लगने पर वो इनका दुरुपयोग कर आपका खाता खाली कर सकता है।'
इसी तरह, तमाम लोगों के पास ऐसे मेल या एसएमएस भी आते हैं, जिनमें उन्हें करोड़ों रुपए की लॉटरी जीतने का झांसा दिया जाता हैं। लॉटरी की रकम पाने के लिए लोगों से वादा किया जाता है कि अमुक धनराशि अमुक खाते में जमा करने के बाद उन्हें उनकी सारी रकम मिल जाएगी। कई लोग इन शातिरों की चालबाजी में फंस भी जाते हैं और करोड़ों की रकम पाने की लालच में अपनी जमा पूंजी भी गंवा देते हैं।