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क्या दिल के लिए ख़तरनाक है रेड मीट?

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BBC
अमेरिका में हुए एक अध्ययन में पता चला है कि गोमांस, सूअर और बकरे के गोश्त या दूसरे शब्दों में कहें तो रेड मीट में पाया जाने वाला एक रसायन दिल के लिए ख़तरनाक होता है।

'नेचर मेडिसिन' नाम की विज्ञान पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक़ रेड मीट में पाया जाने वाला क्रेनिटाइन नाम के रसायन को बैक्टिरीया पेट में छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देते हैं।

इसके बाद होने वाली रासायनिक क्रिया की वजह से शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में बेहद इजाफा होता है जिससे हृदय रोग की आशंका भी बढ़ जाती है। खान-पान विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि क्रेनिटाइन की खुराक लेने वालों के लिए यह एक ख़तरनाक संकेत हो सकता है।

ख़तरनाक संकेत : नियमित तौर पर रेड मीट खाने वालों के लिए इस अध्ययन के नतीजे बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। ब्रिटेन में सरकार एक दिन में 70 ग्राम रेड मीट या डिब्बा बंद गोश्त खाने की अनुशंसा करती है।

ऐसा माना जाता है कि डिब्बा बंद गोश्त का संतृप्त वसा हृदय रोगों का कारण बनता है, लेकिन यह कहानी का पूरा सच नहीं है। शोधकर्ता डॉक्टर स्टैनिली हेजन कहते हैं कि कोलेस्ट्राल और रेड मीट का संतृप्त वसा ही इसका प्रमुख कारक नहीं है, यहां कुछ और भी है जो हृदय रोग का जोखिम बढ़ाने में योगदान देता है।

चूहों और इंसानों पर हुए प्रयोगों में पता चला कि पेट में मौज़ूद यह बैक्टिरिया क्रेनिटाइन को खा जाता है। इससे क्रेनिटाइन गैस में बदल जाता है फिर यह लीवर में जाकर 'टामो' नाम के एक रसायन में परिवर्तित हो जाता है। इस अध्ययन से यह पता चला कि 'टामो' का संबंध रक्त वाहिकाओं में वसा के जमने से था।

इससे हृदय रोगों का ख़तरा बढ़ने के साथ-साथ मौत भी हो सकती है। क्लीवलैंड क्लिनिक के डॉक्टर हेज़न कहते हैं कि टामो को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। हो सकता है कि यह बेकार हो, लेकिन यह कोलेस्ट्राल मेटाबॉलिजम को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है। यह कोलेस्ट्राल के स्तर को बढ़ा सकता है।

स्वास्थ्य की कुंजी : वे कहते हैं कि अध्ययन बताता है कि कम रेड मीट खाना ही बेहतर है। पहले मैं हफ़्ते में पांच दिन रेड मीट खाता था, लेकिन अब मैंने इसे घटाकर दो हफ़्ते में एक बार या और भी कम कर दिया है। उन्होंने बताया अध्ययन के नतीजों से इस बात को बल मिला है कि पेट में बैक्टिरिया के संतुलन में बदलाव के लिए प्रोबायोटिक दही खाई जाए।

मांसाहारी लोगों की तुलना में शाकाहारी लोगों में प्राकृतिक रूप से कुछ ऐसे बैक्टिरिया पाए जाते हैं जो क्रेनिटाइन को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने में सक्षम होते हैं। ब्रिटिश हर्ट फाउंडेशन की वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ विक्टोरिया टेलर कहती हैं‍ कि निश्चित रूप से यह एक दिलचस्प खोज है, जो इस बात पर प्रकाश डालती है कि रेड मीट हृदय पर प्रभाव डाल सकता है। हालांकि कुछ विशेषज्ञों की राय इससे अलग भी है।

सेंट जॉर्ज अस्पताल की आहार विशेषज्ञ कैथरीन कोलिंस कहती हैं कि यह बहुत ही ठोस तर्क है। लेकिन हम जानते हैं कि हफ्ते में एक बार कुछ रेड मीट खाने से दिल को कोई ख़तरा नहीं है।

वे कहती हैं कि इससे हमें अपने खान-पान की सिफारिशें बदलने की ज़रूरत नहीं है। थोड़ा गोश्त, मछली, दूध से बनी चीजें और शराब, दालें, फल, सब्जियां, खड़े अनाज और असंतृप्त वसा का उपयोग अभी भी स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन की कुंजी है।

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