70 और 80 के दशक की मुंबई की संकरी गलियों में, जब कुख्यात 'स्विमसूट किलर' तिहाड़ जेल से फरार हो जाता है, तो एक जांबाज पुलिस अफसर उसे पकड़ने की ठान लेता है। सच्ची घटना से प्रेरित यह कहानी जज़्बे और हिम्मत की है, जो एक रोमांचक बिल्ली-चूहे के खेल में बदल जाती है।
नेटफ्लिक्स की नई क्विर्की ड्रामा इंस्पेक्टर जेंडे 5 सितंबर को रिलीज हो रही है। इस फिल्म में बहुमुखी अभिनेता मनोज बाजपेयी इंस्पेक्टर मधुकर जेंडे की भूमिका में हैं, वहीं जिम सारभ चालाक ठग और कुख्यात 'स्विमसूट किलर' कार्ल भोजराज का किरदार निभा रहे हैं।
फिल्म का निर्देशन और लेखन चिन्मय डी. मांडलेकर ने किया है। इसके साथ भालचंद्र कदम, सचिन केदकर, गिरीजा ओक और हरीश दूधाडे भी अहम भूमिकाओं में नजर आएंगे। इंस्पेक्टर जेंडे अपराध, हास्य और पुरानी यादों को एक साथ जोड़ती है, एक ऐसा दौर जब पुलिस की सबसे बड़ी ताकत उनका गट फीलिंग और जज़्बा हुआ करता था।
निर्माता ओम राउत कहते हैं, इंस्पेक्टर जेंडे की कहानी ऐसी है जिसे देखा जाना चाहिए, याद रखा जाना चाहिए और सेलिब्रेट किया जाना चाहिए। यह एक बेहद दिलचस्प और प्रेरणादायक केस की कहानी है, और सबसे अहम बात — यह मेरे पिता का सपना था कि इंस्पेक्टर ज़ेंडे पर एक फ़िल्म बने। नेटफ्लिक्स के साथ इस कहानी को पर्दे पर लाना एक शानदार सफर रहा है।
निर्माता जय शेवकरमणि कहते हैं, नेटफ्लिक्स का जज़्बा है ऐसे अनोखे और सच्चे किरदारों की कहानियों को दुनिया भर के दर्शकों तक पहुँचाना। इंस्पेक्टर ज़ेंडे एक ऐसा ही हीरो है, जिसकी कहानी लोगों को ज़रूर देखनी चाहिए।
नेटफ्लिक्स इंडिया की ओरिजिनल फ़िल्म्स डायरेक्टर रुचिका कपूर शेख कहती हैं, इंस्पेक्टर ज़ेंडे पारंपरिक पुलिस बनाम अपराधी की कहानी को नए ढंग से पेश करती है — इसमें अपराध और हास्य का बेहतरीन मेल है। सच्ची घटना से प्रेरित यह फिल्म चिन्मय डी. मांडलेकर की हिंदी में निर्देशन की पहली फिल्म है, जिसमें मुंबई की ज़मीन से जुड़ी नज़र और कहानियों की पकड़ साफ झलकती है।