इस गाने को देख ताकी रे ताकी, तोहफा-तोहफा जैसे गाने याद आते हैं। इस गीत के लिए खासी मेहनत की गई। कोरियोग्राफर, फैशन डिजाइनर और आर्ट डायरेक्टर ने 80 के दशक की कई फिल्में देखीं, खासतौर पर जीतेंद्र और मिथुन की फिल्में। उनके डांस स्टेप्स, सेट और कपड़ों पर विशेष ध्यान ताकि इस गीत में उस दशक का लुक और फील दिया जा सके।
जीतेन्द्र और मिथुन के गानों की थीम बहुत ही दिलचस्प होती थी और उसी दौर को इस गाने में जीवंत किया गया है। रानी सहित ‘अइया’ की पूरी टीम इस गाने को लेकर उत्साहित है।