त्योहारों का महापर्व लक्ष्मी पूजा 26 अक्टूबर को है। इस बार पूर्ण अमावस्या तिथि के लिए लोगों में कसक नहीं होगी। इसके अलावा मुहूर्त के लिए भी साधकों को इंतजार करने की जरूरत नहीं रहेगी, क्योंकि लक्ष्मी पूजा के लिए शास्त्रोक्त तिथि के अनुसार प्रीति योग शाम 6.29 से शुरू हो रहा है।
शुक्र प्रधान वृषभ लग्न का प्रवेश 6.40 से हो रहा है और मंगल प्रधान चित्रा नक्षत्र की युति रात 9.43 से होने के कारण परिवार के साथ पूजा करने के लिए अद्भुत संयोग लोगों को मिलने वाला है।
रात 1.25 तक अमावस्या प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डा.दत्तात्रे होस्केरे की मानें तो इस बार लक्ष्मी पूजा के दिन पूर्ण अमावस्या तिथि रहेगी, जो रात 1.25 बजे खत्म हो रही है। इसके अलावा शास्त्रों के अनुसार मिलने वाले प्रमाण भी प्रीति योग को लक्ष्मी पूजा के लिए उत्तम माना गया है। इसे लक्ष्मीकारक योग भी कहते हैं।
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इसके अलावा मिथुन लग्न में भी लोग पूजा कर सकते हैं, जो रात 8.39 से 10.40 तक रहेगा। वहीं व्यावसायिक स्तर पर देखें तो यहां सिंह लग्न में पूजा करना उत्तम कारक माना जाता है, जो रात 1.17 से शुरू हो रहा है, इसलिए कारोबारियों को इस लग्न में लक्ष्मी पूजा करने के लिए इंतजार करना पड़ेगा।
महालक्ष्मी पूजा 12.37 से चौघड़िया का महायोग और शुभ कारक लग्न रात 7.23 से 8.56 तक रहेगा। अटल चौघड़िया 8.56 से 10.29 तक मिलेगा। इसके अलावा चर का चौघड़िया रात 10.29 से 12.3 मिनट तक रहेगा। इस लक्ष्मी कारक योग में पूजा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है। चित्रा नक्षत्र, प्रीति योग और वृषभ लग्न का अद्भुत संयोग पूजा का फल चार गुना करेगा।
ग्रह गोचर की स्थिति के अनुसार शुक्र लक्ष्मी कारक ग्रह चंद्र के साथ होने और गुरु लग्न होने के कारण शाम के मुहूर्त में पूजा करना संपदा को आमंत्रित करने वाला होगा। इसके अलावा महालक्ष्मी पूजा के लिए रात 12.37 से 1.40 तक मुहूर्त लोगों को मिलेगा।