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Ganesh Chaturthi 2025: गणेश उत्सव के सातवें दिन का नैवेद्य और मंत्र, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

WD Feature Desk
सोमवार, 1 सितम्बर 2025 (10:01 IST)
worship lord ganesha: इन दिनों श्रीगणेश पूजा के खास दिन चल रहे हैं और इस समय भगवान श्रीगणेश की पूजा मध्यान्हकाल, अभिजीत मुहूर्त और प्रदोषकाल में की जाती है। आइए यहां जानते हैं गणेश उत्सव के सातवें दिन के पूजा के मुहूर्त, मंत्र और नैवेद्य के बारे में जानकारी...ALSO READ: गणेश जी के 12 प्रसिद्ध अवतार
 
02 सितंबर 2025, मंगलवार के पूजन मुहूर्त:
1. दिन में 11:55 से 12:46 बजे के बीच।
2. शाम को 6:41 से रात 7:49 के बीच।
 
आज का मंत्र- 'ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा'
 
यह मंत्र समाज में लोक प्रिय बनाता है। जीवन में आनंद के अवसर पैदा करता है। तनाव से दूर रखता है।
 
सातवां दिन- चावल की खीर
 
चावल की खीर एक पारंपरिक और बहुत ही लोकप्रिय भारतीय मिठाई है, जो अक्सर विशेष अवसरों और त्योहारों पर बनाई जाती है। गणेश उत्सव के सातवें दिन, कई भक्त चावल की खीर का भोग लगाकर गणपति बप्पा को प्रसन्न करते हैं। यहां चावल की खीर बनाने की एक सरल और स्वादिष्ट विधि दी गई है।
 
सामग्री
चावल (बासमती या कोई भी छोटा दाना): 1/4 कप
 
फुल क्रीम दूध: 1 लीटर
 
चीनी: स्वादानुसार
 
घी: 1 चम्मच
 
हरी इलायची पाउडर: 1/2 चम्मच
 
सूखे मेवे (बादाम, काजू, किशमिश): 2-3 चम्मच (कटे हुए)
 
केसर के धागे: 5-6 
 
बनाने की विधि
चावल तैयार करें: चावल को अच्छी तरह से धोकर 20-30 मिनट के लिए पानी में भिगो दें। इससे चावल जल्दी पकेंगे।
 
दूध उबालें: एक भारी तले वाले बर्तन में दूध को मध्यम आंच पर गरम होने के लिए रखें। जब दूध में एक उबाल आ जाए, तो आंच धीमी कर दें।
 
चावल पकाएं: भीगे हुए चावल को छानकर उबलते हुए दूध में डालें। अब इसे धीमी आंच पर लगातार चलाते रहें ताकि चावल बर्तन के तले में चिपके नहीं।
 
गाढ़ा करें: चावल को तब तक पकाएं जब तक कि वह पूरी तरह से नरम न हो जाए और दूध गाढ़ा न हो जाए। इसमें लगभग 25-30 मिनट लग सकते हैं।
 
चीनी और सूखे मेवे मिलाएं: जब खीर गाढ़ी हो जाए और चावल अच्छी तरह पक जाएं, तो इसमें चीनी और इलायची पाउडर डालें। चीनी घुलने तक इसे 2-3 मिनट और पकाएं। अब भुने हुए मेवे और केसर के धागे डालकर अच्छी तरह मिला लें।
 
परोसें: आपकी स्वादिष्ट चावल की खीर तैयार है। आप इसे ऊपर से कटे हुए पिस्ता से भी सजा सकते हैं। श्रीगणेश को भोग लगाकर इसे ठंडा या गरम परोसें। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: Ganesh chaturthi 2025: गणेश विसर्जन कितने दिनों में कहां कब होता है?

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