नई दिल्ली। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सहारा, बिड़ला डायरी में दर्ज जिन प्रविष्टियों को मुद्दा बना कर कर राजनैतिक बढ़त पाने की कोशिश कर रहे थे, बुधवार को उसकी हवा निकल गई। सुप्रीमकोर्ट ने सहारा, बिड़ला दस्तावेजों में राजनेताओं को रकम दिये जाने की प्रविष्टियों को नाकाफी सामग्री बताते हुए जांच के आदेश देने से इन्कार कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि ईमेल प्रिंट और कुछ कागजों में दर्ज प्रविष्टियों को स्वीकार करने योग्य साक्ष्य नहीं माना जा सकता। इनकी कोई कानूनी मान्यता नहीं है और इसके आधार पर संवैधानिक पद पर आसीन लोगों के खिलाफ जांच के आदेश नहीं दिये जा सकते।
यह कोई पहला मौका नहीं है जबकि सुप्रीमकोर्ट ने पेश दस्तावेजों को जांच के लिए नाकाफी सामग्री बताया हो। इसके पहले मामले में दो बार हुई प्रारंभिक सुनवाई में भी कोर्ट ने यही बात कही थी। हालांकि बुधवार को कोर्ट ने मामले पर चार घंटे से ज्यादा सुनवाई की और उसके बाद विस्तृत आदेश पारित कर जांच की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। (भाषा)