डोनाल्ड ट्रंप ने जब से भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, भारत ने संतुलित जवाब ही अमेरिका को दिया है। रूस से तेल खरीदने को लेकर अमेरिका ने भारत को धमकी भी दी थी, लेकिन अब भारत की ओर से उठाया गया कदम अमेरिकी टैरिफ से हो रहे नुकसान का स्पष्ट सबूत दे रहा है। सरकार ने अमेरिका जाने वाली डाक सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। अब यूरोपीय देशों ने भी अमेरिका के लिए डाक सेवाएं रोक दी है। अभी तक भारत और यूरोपीय देशों से अमेरिका भेजे जाने वाले 800 डॉलर तक के पार्सल ड्यूटी फ्री होते थे। लेकिन अमेरिका के नए टैरिफ आदेश के तहत यह छूट 29 अगस्त से खत्म हो रही है।
डोनाल्ड ट्रंप ने इन देशों पर लगाया है टैरिफ
मीडिया खबरों के मुताबिक इन देशों में ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और नीदरलैंड जैसे देश हैं। मीडिया खबरों के अनुसार यूरोपियन पोस्टल सर्विसेज ने पार्सल की डिलीवरी पर रोक लगा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के कई बड़े देशों पर भारी भरकर टैरिफ लगाया है। इस कारण ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। भारत के इस कदम के बाद अब यूरोपियन डाक सेवाओं ने भी अमेरिका को पार्सल डिलीवरी रोक दी है, क्योंकि उनकी डिलीवरी पर मिलने वाली टैरिफ छूट खत्म कर दिया गया है। अब तक अमेरिका में 800 डॉलर से कम के पार्सल को ड्यूटी फ्री एंट्री की अनुमति देती थी। यह छूट 29 अगस्त से खत्म हो जाएगी।
भारत ने डाक सेवाओं पर लगाई थी रोक
अमेरिका की ओर से लिए गए फैसले को देखते हुए भारतीय डाक विभाग ने कहा था कि 25 अगस्त से अमेरिका के लिए सभी प्रकार के डाक आर्टिकल्स की बुकिंग अस्थायी रूप से बंद कर दी जाएगी। अमेरिकी नियमों के मुताबिक, डाक नेटवर्क के जरिए भेजे गए सामान पर अब ट्रांसपोर्ट कैरियर्स या फिर यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) द्वारा मान्यता प्राप्त एजेंसियां ड्यूटी वसूलेंगी और जमा करेंगी। लेकिन, अमेरिका के इस आदेश में स्पष्टता का पूरी तरह अभाव है।
संचार मंत्रालय का कहना है कि अमेरिकी सीमा शुल्क विभाग द्वारा जारी नए मानदंडों पर स्पष्टता के अभाव में अमेरिका जाने वाली एयरलाइनों ने शिपमेंट ले जाने से इनकार कर दिया है। किस तरह शुल्क लिया जाएगा और किस तरह भुगतान करना होगा, कुछ भी स्पष्ट नहीं है, लिहाजा एयरलाइंस ने हाथ खड़े कर दिए और सरकार को निर्देश जारी करना पड़ा।
किस पर पड़ेगा ज्यादा असर
इस बदलाव से सबसे ज्यादा प्रभावित वे छोटे और मध्यम व्यापारी होंगे जो भारत या यूरोप से अमेरिका को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिए छोटे पैकेट्स भेजते थे। अब उन्हें न केवल हर पार्सल पर कस्टम ड्यूटी देनी होगी, बल्कि पार्सल के भीतर भेजे गए सामान की कीमत, श्रेणी और टैक्स कैटेगरी को भी स्पष्ट रूप से घोषित करना होगा। इसके अतिरिक्त ग्राहक पक्ष को भी अब पार्सल रिसीव करते समय अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है, जिससे उपभोक्ता अनुभव पर नकारात्मक असर पड़ेगा। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma