पेटल गहलोत ने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारत के साथ शांति की बात कही है। अगर वे सचमुच सच्चे हैं, तो रास्ता साफ़ है। पाकिस्तान को तुरंत सभी आतंकवादी शिविर बंद करने चाहिए और भारत में वांछित आतंकवादियों को हमें सौंप देना चाहिए। यह भी विडंबना है कि एक ऐसा देश जो नफरत, कट्टरता और असहिष्णुता का पालन करता है, इस सभा को आस्था के मामलों पर उपदेश दे रहा है। पाकिस्तान का राजनीतिक और सार्वजनिक विमर्श उसके असली स्वरूप को दर्शाता है। जाहिर है, उन्हें आईने में देखने की बहुत देर हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि जहां तक आतंकवाद का सवाल है, हम स्पष्ट कर रहे हैं कि आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के बीच कोई भेद नहीं किया जाएगा। दोनों को जवाबदेह ठहराया जाएगा, और न ही हम परमाणु ब्लैकमेल की आड़ में आतंकवाद को बढ़ावा देने की अनुमति देंगे। भारत ऐसी धमकियों के आगे कभी नहीं झुकेगा। दुनिया के लिए भारत का संदेश स्पष्ट है। आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस होना चाहिए।
पेटल ने कहा कि भारत और पाकिस्तान लंबे समय से इस बात पर सहमत हैं कि उनके बीच किसी भी लंबित मुद्दे का समाधान द्विपक्षीय रूप से किया जाएगा। इस संबंध में किसी तीसरे पक्ष के लिए कोई जगह नहीं है। यह हमारी दीर्घकालिक राष्ट्रीय स्थिति है।
क्या बोले थे शाहबाज शरीफ : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र अमेरिका और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सराहना करते हुए भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला। शहबाज ने हिंदुत्व को एक नफरत वाली विचारधाराओं का हिस्सा बताते हुए इसे दुनिया के लिए खतरनाक करार दिया है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में हेट स्पीच और किसी भी धर्म या व्यक्ति के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। नफरत आधारित विचारधाराएं जैसे भारत का हिंदुत्ववाद चरमपंथ को बढ़ावा देती हैं और दुनिया के लिए खतरा पैदा करती हैं। उन्होंने विक्टिम कार्ड खेलते हुए कश्मीर राग भी छेड़ा।
edited by : Nrapendra Gupta