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Pakistan की ISI के साथ आतंक की नई साजिश बेनकाब, लश्कर-ए-तैयबा और ISIS खुरासान ने मिलाया हाथ, जानिए क्या है पूरा प्लान

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , बुधवार, 8 अक्टूबर 2025 (19:16 IST)
Pakistan News in hindi : आतंक का गढ़ पाकिस्तान हर बार मुंह की खाने के बाद अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। मीडिया खबरों के मुताबिक पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में कुख्यात जासूसी एजेंसी आईएसआई की सहायता से 2 घातक आतंकी संगठनों लश्कर ए तैयबा (एलईटी) और इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) के बीच एक नए गठबंधन को क्रियान्वित किया गया है।
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यह गठजोड़ अफगानिस्तान और बलूचिस्तान के लोगों के लिए बढ़ रहे खतरे की ओर इशारा कर रहा है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि पाकिस्तानी सेना जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद को फिर से भड़काने का इरादा रखती है ताकि क्षेत्रीय शांति को भंग किया जा सके।
 
तालिबान के सत्ता में आने से मिली मजबूती
अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद आईएसआई ने बलूचिस्तान में ISIS-K की गतिविधियों को नया स्वरूप दिया। मस्तंग कैंप को बलूच विद्रोहियों पर हमलों की ज़िम्मेदारी दी गई जबकि खुजदार ठिकाना सीमा-पार अभियानों के लिए इस्तेमाल किया गया। मार्च 2025 में जब बलूच लड़ाकों ने ISIS-K के मस्तंग ठिकाने पर हमला किया और करीब 30 आतंकवादी मारे गए, तब आईएसआई ने लश्कर-ए-तैयबा को दखल देने का निर्देश दिया। 
भारत के लिए क्या है चुनौती
वैसे तो भारत ने पाकिस्तान के हर नापाक मंसूबे को नाकाम कर दिया है। पाकिस्तान को हर बार मुंह की खानी पड़ी है, लेकिन लश्कर और ISKP के बीच यह नजदीकी पाकिस्तान के आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र में एक गहरे बदलाव का संकेत है जहां वैचारिक तौर पर अलग-अलग चरमपंथी समूह राज्य-प्रायोजित ढांचे में एकजुट हो रहे हैं। इस गठजोड़ से न केवल बलूचिस्तान और अफगानिस्तान में अस्थिरता बढ़ने की संभावना है बल्कि यह जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में भी नई सुरक्षा चुनौतियां पैदा कर सकता है। इस योजना में इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISPK) जैसे कट्टरपंथी संगठनों का इस्तेमाल करके यह दिखाने की कोशिश की जाएगी कि कश्मीर में हो रही हिंसा में पाकिस्तान का हाथ नहीं है। एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma

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