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टैक्स लीक : दुनिया का सबसे बड़ा खुलासा, कई दिग्गज लपेटे में

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पनामा सिटी , सोमवार, 4 अप्रैल 2016 (09:30 IST)
टैक्स  का स्वर्ग कहे जाने कहे जाने वाले देश पनामा की कानूनी फर्म मोसेक फोंसेका के खुफिया दस्तावेज लीक होने से दुनियाभर के कई दिग्गज नेता, कारोबारी और सेलेब्रिटीज बेनकाब हो गए हैं।  यह दुनिया के सबसे बड़े खुलासों में से एक बताया जा रहा है। तकरीबन 1 करोड़ 15 लाख से ज्यादा बेहद खुफिया डॉक्यूमेंट्स लीक हो गए हैं। इसके लपेटे में 70 से ज्यादा वर्तमान या पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और तानाशाह आ गए हैं। इसमें भारत और पकिस्तान सहित कई देशों की बड़ी हस्तियां भी शामिल हैं।
‘पनामा पेपर्स’ के आंकड़े लीक होने से अब तक के सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। पनामा की कानूनी फर्म मोसेक फोंसेका की 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा बेहद खुफिया दस्तावेज लीक हो गए है। इन दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि कैसे दुनिया के ताकतवर और प्रभावशाली लोग टैक्स हैवन का इस्तेमाल कर अपनी बेशुमार दौलत को छिपाते हैं।

इन दस्तावेजों के लीक होने से पता चला है कि रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के करीबि‍यों, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक, सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद, चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग, पाकिस्तान की पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो ने अपनी संपत्ति को छिपाने के लिए टैक्स स्वर्ग की मदद ली।
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पनामा सरकार ने ‘पनामा पेपर्स’ के आंकड़े लीक होने के मद्देनजर शुरू की जा सकने वाली हर प्रकार की कानूनी जांच में ‘पूरा सहयोग’ करने का संकल्प लिया है। पनामा सरकार ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘पनामा सरकार कोई कानूनी कदम उठाए जाने की स्थिति में हर प्रकार की आवश्यक सहायता या हर प्रकार के अनुरोध में पूरी तरह सहयोग करेगी।’
 
पनामा आंकड़े लीक होने के कारण हुए इन खुलासों से जूझ रहा है कि उसकी एक हाई प्रोफाइल लेकिन गोपनीय विधि फर्म मोस्साक फोंसेका ने कर अधिकारियों से पूंजी को छुपाने में विश्व भर के कई बड़े नेताओं और चर्चित हस्तियों की कथित रूप से मदद की। इन लीक आंकड़ों को कई मीडिया संस्थानों ने दर्शाया है।
 
यदि हम भारत की बात करें तो 'द इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक टैक्स मामले में अमिताभ बच्चन और उनकी बहू ऐश्वर्या राय बच्चन, डीएलफ के मालिक केपी सिंह और गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी भी शामिल हैं। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अमिताभ बच्चन को चार कंपनियों का डायरेक्टर नियुक्त किया गया था, जिनमें से तीन बहामास में थीं। इन कंपनियों की आधिकारिक तौर पर कैपिटल 5 हजार से 50 हजार डॉलर के बीच में थी, लेकिन ये कंपनिया उन शिप्स का कारोबार कर रही थीं, जिनकी कीमत करोड़ों में थी। लिस्ट में ऐश्वर्या का भी नाम है। ऐश्वर्या को पहले एक कंपनी का डायरेक्टर नियुक्त किया गया था, बाद में उन्हें कंपनी का शेयर होल्डर घोषित कर दिया गया।
 
लपेटे में नवाज शरीफ : इंटरनेशनल कंसोर्शियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्‍ट्स (आईसीआईजे) ने रविवार को पनामा पेपर्स के नाम से इन लीक टैक्स दस्तावेजों को जारी किया। जांच में यह खुलासा हुआ कि नवाज शरीफ परिवार ने प्रॉपर्टीज को गिरवी रखकर डाएचे बैंक से 70 लाख पाउंड का लोन हासिल किया। इसके अलावा, अन्य दो अपार्टमेंट को खरीदने में बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ने वित्तीय मदद की।

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मीडिया समूह : इन दस्तावेजों की जांच 100 से भी ज्यादा मीडिया समूहों ने की है और इसे इतिहास की ऐसी सबसे बड़ी जांचों में से एक करार दिया है। इस जांच में लगभग 140 राजनीतिक हस्तियों की संपत्ति से जुड़ी गुप्त सौदेबाजी को उजागर किया गया। इन राजनीतिक हस्तियों में 12 मौजूदा या पूर्व राष्ट्र प्रमुख शामिल हैं।
 
इतनी बड़ी संख्या में ये रिकॉर्ड जर्मन अखबार सुडूशे जीतुंग ने एक अज्ञात सूत्र से प्राप्त किए हैं और इसे अंतरराष्ट्रीय खोजी पत्रकार संघ (आईसीआईजे) के जरिए दुनिया भर के मीडिया के साथ साझा कर दिया।
 
आईसीआईजे ने कहा कि इस जांच के तहत विदेशों में स्थित 2.14 लाख प्रतिष्ठानों से 1.15 करोड़ दस्तावेज प्राप्त किए गए। लीक हुए दस्तावेज पनामा की विधि फर्म मोजैक फोंसेका से आए। इस फर्म के 35 से भी अधिक देशों में दफ्तर हैं। जिन लोगों के नाम दस्तावेजों की इस भारी लीक में सामने आए हैं, उनपर इसका गंभीर राजनीतिक असर पड़ सकता है। आईसीआईजे की जांच में जिन लोगों के बारे में मुख्य दावे किए गए हैं, उनमें पुतिन के करीबी सहयोगी शामिल हैं। इन्होंने ‘बैंकों और छद्म कंपनियों के जरिए दो अरब डॉलर का गुप्त घालमेल किया।’ हालांकि इन नामों में पुतिन का नाम इसमें शामिल नहीं है।
 
चीन के राष्ट्रपति : आईसीआईजे ने कहा कि इन दस्तावेजों में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के परिवार का विदेशी कंपनियों से संबंध सामने आया है। शी खुद अपने देश में कड़ा भ्रष्टाचार रोधी अभियान चला चुके हैं। आइसलैंड में इन दस्तावेजों में प्रधानमंत्री सिगमुंदर डेविड गुनलॉग्सन और उनकी पत्नी द्वारा विदेशी कंपनी का गुप्त स्वामित्व रखने की बात कही गई है। इस कंपनी ने देश के आर्थिक संकट के दौरान लाखों डॉलर आइसलैंडिक बैंक बॉण्डों के रूप में रखे थे।
 
आरोप है कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के परिवार का आफशोर खातों से संबंध है। इसी तरह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के पिता का भी इसी तरह के खातों से संबंध है। जांच में दावा किया गया है कि आर्थिक संकट के समय आइसलैंड के प्रधानमंत्री के पास बैंक बांडों में लाखों डालर की राशि थी।
 
चीन के राष्ट्रपति शी खुद अपने देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा अभियान चला चुके हैं जिसके तहत कम्युनिस्ट पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा अनाप शनाप संपत्ति रखने को निशाना बनाया गया था।
 
फुटबॉल खिलाड़ी : फीफा के आचार-नीति समिति के एक सदस्य जुआन प्रेडो दामियानी की विधिफर्म के उन तीन लोगों के साथ कारोबारी संबंध थे, जिनपर फीफा स्कैंडल में अभियोग लगाया गया था। ये तीन लोग थे- फीफा के पूर्व उपाध्यक्ष ई. फिगुरेडो, ह्यूगो जिंकिस और उनका बेटा मरियानो। इनपर लातिन अमेरिका में फुटबॉल प्रसारण अधिकार हासिल करने के लिए रिश्वत देने का आरोप था।
 
अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी मेस्सी और उसके पिता का पनामा की कंपनी मेगा स्टार एंटरप्राइजेज इंक पर स्वामित्व है। यह एक शेल कंपनी है, जो पिता-पुत्र के कर मामलों की स्पैनिश जांच में सामने नहीं आई थी।
 
फ्रांसटीवीइंफो ने फुटबॉल जगत से यूईएफए के अध्यक्ष माइकल प्लेटिनी को पनामा स्थित कर कंपनी का लाभार्थी बताया है। फ्रांसटीवीइंफो ने हालांकि यह भी कहा है कि किसी अवैध गतिविधि का आरोप नहीं लगाया गया है।
 
प्लेटिनी की संचार सेवा ने एएफपी को भेजे गए एक बयान में कहा गया कि ‘उसके सभी खातों और संपत्तियों की जानकारी स्विट्जरलैंड के कर अधिकारियों को है। वह वर्ष 2007 से वहां का करदाता है।’
 
उक्त दस्तावेजों की जांच से फुटबाल की वैश्विक नियामक संस्थान में भ्रष्टाचार व घोटालों पर नए सिरे से रोशनी पड़ती नजर आ रही है। इसमें खुलासा किया गया है कि फीफा की आचार समिति के एक सदस्य जुआन प्रेडो दमियानी के तीन लोगों के साथ कारोबारी संबंध रहे जिन पर जांच में अभियोग लगाया गया।
 
यूईएफए के बदनाम प्रमुख मिशेल प्लेतिनी ने कथित रूप से एक आफशोर कंपनी के नियंत्रण के लिए मोसेक फोंसेका का इस्तेमाल किया। वहीं मेस्सी व उनके पिता एक तरह से एक ऐसी मुखौटा कंपनी के मालिक रहे जिसका खुलासा मेस्सी के कर मामलों की स्पेनिश जांच में नहीं हुआ। 

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