Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Cancer Vaccine : रूस ने बनाई कैंसर की वैक्सीन, 3 साल तक चला प्रीक्लिनिकल ट्रायल, नहीं पड़ेगी कीमोथैरेपी की जरूरत, कब तक होगी रोलआउट

Russia ने बनाई Cancer Vaccine mRNA

Advertiesment
हमें फॉलो करें can cancer occur at any age

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, रविवार, 7 सितम्बर 2025 (17:10 IST)
Cancer Vaccine : कैंसर की वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर सामने आई है। रूस की कैंसर वैक्सीन प्रीक्लिनिकल ट्रायल में पास हो गई है और इस्तेमाल के लिए तैयार है। रूस की फेडरल मेडिकल एंड बायोलॉजिकल एजेंसी की हेड वेरोनिका स्क्वोर्त्सोवा ने बताया कि वैक्सीन पर कई सालों तक रिसर्च हुई और 3 साल तक इसका प्रीक्लिनिकल ट्रायल हुआ। मीडिया खबरों के अनुसार 3 साल तक चले ट्रायल में इसके सुरक्षित और कारगर होने की पुष्टि हुई। वैक्सीन का बार-बार इस्तेमाल करने पर भी इसका प्रभाव बहुत अच्छा रहा।
ALSO READ: शिप्रा में गिरी पुलिसकर्मियों की कार, थाना प्रभारी समेत 2 के शव बरामद, महिला आरक्षक की तलाश
रिसर्चर्स ने ट्यूमर के आकार में 60% से 80% तक की कमी देखी। वैक्सीन का शुरुआती टारगेट कोलोरेक्टल कैंसर होगा। इसके अलावा ग्लियोब्लास्टोमा और अलग तरह के मेलेनोमा के लिए वैक्सीन डेवलप करने में भी अच्छी प्रगति हुई है।
 
Enteromix कैंसर की कीमोथैरेपी और रेडिएशन से अलग है। इस वैक्सीन का उद्देश्य कैंसर सेल्स को पहचानकर उन्हें नष्ट करना है, जिससे ट्यूमर का आकार कम होता है और कुछ मामलों में पूरी तरह से समाप्त हो जाता है। रूस के नेशनल मेडिकल रिसर्च रेडियोलॉजिकल सेंटर (NMRRC) और एंगेलहार्ड्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (EIMB) ने एंटरॉमिक्स वैक्सीन को बनाया है।
 
स्क्वोर्तसोवा ने रूसी मीडिया के हवाले से बताया कि यह शोध कई वर्षों तक चला, जिसमें पिछले तीन वर्ष अनिवार्य प्रीक्लिनिकल स्टडी के लिए समर्पित थे। उन्होंने कहा कि टीका अब इस्तेमाल के लिए तैयार है। हम आधिकारिक मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। स्टडी ने टीके के कारण जीवित रहने की दर में वृद्धि का संकेत दिया है। एफएमबीए ने इसी साल गर्मियों में टीके की मंजूरी हासिल करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के सामने आवेदन किया था।
नहीं पड़ेगी कीमोथैरेपी की जरूरत
रूस ने जो वैक्सीन बनाई है, वह एक mRNA वैक्सीन है। इसे हर मरीज के RNA के हिसाब से स्टिमुलेट किया जाएगा। वैक्सीन को मंजूरी मिली तो कीमोथैरेपी की जरूरत नहीं पड़ेगी. ब्रिटिश सरकार जर्मनी की बायोएनटेक के साथ मिलकर कैंसर वैक्सीन डेवलप कर रही है। अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनियां मॉडर्ना और मर्क भी स्किन कैंसर से लड़ने वाली वैक्सीन बना रही हैं।
 
भारत में कितनी मौतें
भारत में साल 2024 में कैंसर के कारण 4.60 लाख पुरुषों की मौत हुई। 4.14 लाख महिलाओं को जान गंवानी पड़ी। यानी पुरुषों में कैंसर से होने वाली मौतें महिलाओं की तुलना में अधिक थीं। ICMR (इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च) के अनुसर अगले 5 साल में भारत में 12% की दर से कैंसर मरीज बढ़ेंगे। इसमें कम उम्र के लोग भी कैंसर का तेजी से शिकार होंगे। नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार कम उम्र में कैंसर होने की सबसे बड़े कारणों में हमारी लाइफस्टाइल है। Edited by : Sudhir Sharma

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शिप्रा में गिरी पुलिसकर्मियों की कार, थाना प्रभारी समेत 2 के शव बरामद, महिला आरक्षक की तलाश