Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Tariff War : SCO समिट में भारत का जलवा देख तिलमिलाए डोनाल्ड ट्रंप, टैरिफ को लेकर किया यह दावा

Advertiesment
हमें फॉलो करें Donald Trump

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

वॉशिंगटन , सोमवार, 1 सितम्बर 2025 (20:07 IST)
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में भारत ने अपना जलवा दिखाया। भारत ने SCO समिट में रूस और मध्य एशियाई देशों के साथ ऊर्जा और सुरक्षा सहयोग को और गहरा करने पर जोर दिया। इससे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेवर ठंडे होते दिखाई दे रहे हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। ट्रंप ने कहा कि भारत ने अमेरिका को जीरो टैरिफ की पेशकश की थी, लेकिन अब ये ऑफर बेकार साबित हो रहा है क्योंकि वक्त निकल चुका है। ट्रंप का यह बयान न सिर्फ भारत-अमेरिका रिश्तों पर सवाल उठाता है बल्कि इसे रूस के साथ भारत की बढ़ती नजदीकियों से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके करीबी अधिकारियों की ओर से भारत को लेकर लगातार विवादित और बिना सबूत वाले दावे किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को ट्रंप ने एक और बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने अब टैरिफ को शून्य (Zero) करने की पेशकश की है, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है।
ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट में, ट्रम्प ने दोनों देशों के बीच व्यापार में असंतुलन की आलोचना की और भारत पर दशकों तक अमेरिकी माल पर निषेधात्मक रूप से उच्च टैरिफ लगाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि लंबे समय से अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंध एकतरफा रहे हैं। हालांकि भारत की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। ट्रंप के मुताबिक भारत अमेरिकी कंपनियों को अपने बाजार में घुसने नहीं देता क्योंकि उसने अब तक सबसे ज्यादा टैरिफ लगाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार में अमेरिकी सामान की हिस्सेदारी बेहद कम है, जबकि भारत अमेरिका को भारी मात्रा में सामान बेचता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को दावा किया कि भारत ने अब टैरिफ में कटौती कर इसे नाममात्र करने की पेशकश की है, ''लेकिन अब इसमें देर हो चुकी है।'' उन्होंने कहा कि भारत अपना ज्यादातर तेल और सैन्य सामान रूस से खरीदता है और अमेरिका से बहुत कम खरीदता है। 
 
उन्होंन कहा, ''भारत अपने सबसे बड़े ग्राहक अमेरिका को भारी मात्रा में सामान बेचता है, लेकिन हम उन्हें बहुत कम बेचते हैं। अब तक यह पूरी तरह से एकतरफा रिश्ता रहा है, और यह कई दशकों से चला आ रहा है।'' ट्रंप ने कहा कि इसका कारण यह है कि भारत ने अब तक हमसे इतने ज्यादा शुल्क वसूले हैं, किसी भी देश से ज़्यादा, कि हमारी कंपनियां भारत में सामान नहीं बेच पा रही हैं।
 
उन्होंने कहा कि 'भारत अपना ज्यादातर तेल और सैन्य उत्पाद रूस से खरीदता है, अमेरिका से बहुत कम। उन्होंने अब अपने शुल्क को पूरी तरह से कम करने की पेशकश की है, लेकिन अब देर हो चुकी है। उन्हें ऐसा सालों पहले कर देना चाहिए था। ये लोगों के सोचने के लिए बस कुछ साधारण तथ्य हैं।
 
ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के मौके पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 25 प्रतिशत जवाबी शुल्क और रूस से तेल खरीदने के कारण 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया है। इस तरह भारत पर लगाया गया कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा हैं।
 
भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क को अनुचित बताया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वह किसानों, पशुपालकों और छोटे उद्योगों के हितों से समझौता नहीं कर सकते। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ''हम पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन हम इसे सहन करेंगे।''
 
भारत ने कहा कि किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह वह अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए बातचीत में भारत की कुछ सीमाएं हैं और सरकार किसानों तथा छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा करेगी। भारत और अमेरिका के बीच 2024-25 में वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 131.8 अरब अमेरिकी डॉलर (86.5 अरब डॉलर निर्यात और 45.3 अरब डॉलर आयात) रहा। 

आर्थिक विश्लेषकों ने चेतावनी दी कि टैरिफ में निर्यात घाटे में 55-60 बिलियन डॉलर के बीच भारत की लागत आ सकती है। हालांकि भारत सरकार ने संकेत दिया है कि यह दबाव में नहीं आएगा। व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा कि भारत न तो झुक जाएगा और न ही कभी कमजोर दिखाई देगा।
इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Make in India को मिला ग्लोबल मंच, Maurit Suzuki ने 12 योरपीय देशों में भेजी पहली e VITARA