Sawan posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

शेयर बाजार में बिकवाली का जोर, निफ्टी 25,000 से नीचे, क्यों बिगड़ी बाजार की चाल?

5 कारोबारी दिनों में सेंसेक्स कुल 743 अंक गिर गया तो निफ्टी में भी 181 अंकों की गिरावट

Advertiesment
हमें फॉलो करें market ki baat

नृपेंद्र गुप्ता

, शनिवार, 19 जुलाई 2025 (15:13 IST)
Share market review: भारतीय शेयर बाजारों में जुलाई के तीसरा हफ्ते में भी बिकवाल ही हावी रहे। ट्रंप टैरिफ पर अनिश्चितता, ब्रिक्स देशों पर ट्रंप की सख्‍ती से सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दिखाई दी। निफ्टी 25,000 के स्तर से नीचे आ गया। जानिए आने वाले हफ्ते में कैसा रहेगा मार्केट ट्रैंड और क्या करें निवेशक?
 
कैसी रही सेंसेक्स और निफ्टी की चाल : स्थानीय शेयर बाजार में 14 जुलाई को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट रही। सेंसेक्स 247 अंक टूट गया तो निफ्टी 68 अंक के नुकसान में रहा। 15 जुलाई को वाहन, औषधि शेयरों में लिवाली से सेंसेक्स 317 अंक चढ़ा, निफ्टी में भी 113 अंक की तेजी रही। 16 जुलाई को सीमित कारोबार में बीएसई सेंसेक्स मामूली 64 अंक चढ़ गया, जबकि एनएसई निफ्टी में 16 अंक का लाभ रहा।

17 जुलाई को सेंसेक्स 375 अंक टूटकर 82,259 अंक पर आ गया जबकि निफ्टी भी 101 अंक के नुकसान से 25,112 अंक पर बंद हुआ। हफ्ते के आखिरी दिन बाजार में भारी बिकवाली हुई। सेंसेक्स 502 अंक की गिरावट के साथ 81,758, एनएसई निफ्टी 143 अंक टूटकर 24,968 अंक पर बंद हुआ। इस तरह हफ्ते में 3 दिन बाजार लाल तो 2 दिन हरे निशान में बंद हुआ। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स कुल 743 अंक गिर गया तो निफ्टी में 181 अंक गिर गया।
 
इन फैक्टर्स ने बदली बाजार की चाल : टैरिफ को लेकर ट्रंप की सख्‍ती से इस हफ्ते भी भारतीय शेयर बाजार अलर्ट मोड पर दिखाई दिए। मौका मिलते ही उन्होंने मुनाफावसूली भी की। खुदरा महंगाई दर के छह साल के निचले स्तर पर आने के साथ वाहन और औषधि शेयरों में लिवाली से मंगलवार को बाजार में तेजी आई। वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख और शुल्क को लेकर अनिश्चितता दिखी। एक्सिस बैंक के तिमाही नतीजे बाजार की उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहने से निवेशकों ने बैंक शेयरों को लेकर सतर्क रुख अपना लिया है। एक्सिस बैंक के शेयर में सबसे अधिक 5.24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। 
 
एसबीआई शेयर, बॉन्ड से 45,000 करोड़ जुटाएगा : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) शेयर और बॉन्ड जारी कर 45,000 करोड़ रुपये तक जुटाएगा। इसमें से 25,000 करोड़ रुपये की राशि पात्र संस्थागत नियोजन (QIP) के जरिये जुटाई जाएगी। एसबीआई का क्यूआईपी बुधवार को खुल गया है। घरेलू निवेशकों को बॉन्ड जारी करके एसबीआई 20,000 करोड़ रुपए तक जुटाएगा। एसबीआई ने इससे पहले 2017-18 में क्यूआईपी के जरिये 15,000 करोड़ रुपए जुटाए थे।
 
सेबी डेरिवेटिव कारोबार बढ़ने से चिंतित :  सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की तरफ से आयोजित ‘11वें कैपिटल मार्केट्स कॉन्क्लेव’ में अल्पकालिक डेरिवेटिव कारोबार में बढ़ती सक्रियता पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इससे पूंजी बाजार की स्थिरता और संरचना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
 
नारायण ने कहा कि बहुत छोटी अवधि के डेरिवेटिव, खासकर वायदा अनुबंध समाप्ति के दिन वाले सूचकांक विकल्पों की डेरिवेटिव कारोबार में व्यापक हिस्सेदारी है। यह असंतुलन साफ तौर पर अच्छा नहीं है और इसके प्रतिकूल परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि बाजार की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए सेबी नकद शेयर बाजार को व्यापक बनाने के साथ डेरिवेटिव उत्पादों की अवधि और परिपक्वता बढ़ाने के उपायों पर भी विचार कर रहा है।
 
साइबर फ्राड के मामले बढ़े : साइबर ठगों द्वारा शेयर बाजार निवेशक को शिकार बनाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। महाराष्ट्र के ठाणे जिले के 66 वर्षीय सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी को शेयरों पर ज्यादा मुनाफे का झांसा देकर, उससे 2.85 करोड़ रुपए ठग लिए गए। शिकायतकर्ता लगभग 2 महीने में यह सारा पैसा गंवा बैठे। उन्होंने पुलिस को बताया कि कुछ लोगों ने उनसे मोबाइल फोन पर संपर्क किया और खुद को एक निवेश फर्म और एक प्रतिष्ठित प्रतिभूति व्यापार कंपनी का प्रतिनिधि बताया। ज्यादा रिटर्न का वादा करके कॉल करने वालों ने शिकायतकर्ता को 2.85 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए राज़ी किया जिसे कई बैंक खातों में हस्तांतरित किया गया।
 
कैसा रहेगा अगला हफ्ता : रिलायंस इंडस्ट्रीज समेत कई कंपनियों के नतीजे बेहतर रहे हैं। अगले हफ्ते भी कई बड़ी कंपनियों के नतीजे आने हैं। ट्रंप टैरिफ 1 अगस्त से लागू हो रहा है। इससे पहले टैरिफ पर ट्रंप की बयानबाजी का बाजार पर सीधा असर पड़ेगा। वैश्विक स्तर पर बाजार का रुख भी आने वाले हफ्ते में सेंसेक्स और निफ्टी की दिशा तय करेंगे।
 
क्या कहते हैं एक्सपर्ट : शेयर बाजार एक्सपर्ट सागर अग्रवाल ने कहा कि शेयर बाजार में पिछले कई दिनों से गिरावट का दौर जारी है। ट्रंप टैरिफ पर स्थिति क्लियर नहीं कर रहे हैं। इधर ट्रंप की धमकी के बाद भी रूस युक्रेन युद्ध थमा नहीं है। ट्रंप अब नाटो के जरिए भारत, चीन जैसे देशों पर रूस से तेल नहीं खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं। अनिश्चितता की वजह से FII बाजार में बिकवाली कर रहे हैं। कंपनियों के नतीजों की वजह से भी निवेशक दबाव में हैं।
 
अग्रवाल ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के तिमाही नतीजे नतीजे बेहतर आए हैं लेकिन यह मुनाफा एशियन पेंट्स के शेयर बेचने से हुआ है। उन्होंने कहा कि निफ्टी की चाल 50 शेयरों से तय होती है। जब तक 80 फीसदी चीजे परफॉर्म नहीं करती बाजार में ग्रोथ नहीं आती। ज्यादा वेटेज वाले शेयरों का प्रदर्शन भी शेयर बाजार की चाल पर असर डालता है।
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बेंगलुरु हवाई अड्डे पर 40 करोड़ की 4 किलोग्राम कोकीन जब्त, 1 यात्री गिरफ्तार