थोक में लगेंगे प्रोफेशनल्‍स

Webdunia
हाल ही में गोआ में एक सम्मेलन में दुनियाभर की एक्जीक्यूटिव सर्च फर्म शामिल हुई थी। भारत की सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में पहले से ही बूम है और इसमें पता चला कि 2010 तक भारत में 20 लाख प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी। इस सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, फ्रांस, सिंगापुर, इटली, भारत, स्पेन और अमेरिकी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की थी।

अमेरिकन कंपनी एस्पेन फुल्लर कंसल्टेंसी के प्रबंध निदेशक श्री टॉम फुलर का कहना है कि भारतीय आउटसोर्सिंग इंडस्ट्रीज को ही 14 लाख प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी। जहाँ तक इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर की बात है तो अगले तीन साल में इसमें 8 लाख कुशल लोगों की जरूरत होगी। दुनियाभर में प्रबंधकों की बढ़ती संख्या भारत में रुचि लेने लगी है, क्योंकि यहाँ संभावनाएँ अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा है।

इतना करेंगी ट्रांजेक्शन

नेशनल एसो. ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज का कहना है कि जहाँ तक भारतीय आउटसोर्सिंग इंडस्ट्री की बात है तो 2010 तक ये यूएस बैंक के कुल लेन-देन के 30 प्रश के बराबर है। और तो और, जो हालिया आँकड़ा है, यह उससे तीन गुना होगा।

विदेश वित्तीयसंस्थान और कंपनी अपना बैक ऑफिस, कॉल सेंटर और अन्य सॉफ्टवेयर संबंधी कार्य भारत में इसलिए दे रहे हैं, क्योंकि यहाँ अँगरेजी बोलने और जानने वाले लोग तो हैं ही, साथ ही ये कम सैलेरी पर काम करते हैं। इससे इन कंपनियों को खर्च कम बैठता है।

भारतीय बीपीओ सेक्टर, जिसमें कॉल सेंटर, अकाउंटिंग, पैरोल मैनेजमेंट जैसी सेवाएँ हैं, ने पिछले दो साल में 1 लाख रोजगार प्रदान किए हैं। इसमें काम करने वाले ही लाखों में हैं।

थोक में लगेंगे एक्जीक्यूटिव्स

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारत जल्द ही विदेशी रोजगार के मैदान में दो-तिहाई हिस्सा ले लेगा। आईएनएक्स ग्लोबल एक्जीक्यूटिव सर्च फर्म के प्रमुख श्री पीटर मुखर्जी का कहना है कि भारत में आने वाले समय में एक्जीक्यूटिव की थोक में जरूरत होगी, क्योंकि अर्थव्यवस्था भी 9 प्रश की दर से बढ़ रही है।

क्यों होगी जरूरत?

भारत में तेजी से स्पेशल इकॉनॉमिक जोन, एविएशन, एयरपोर्ट मैनेजमेंट और रिटेल सेक्टर फैलते जा रहे हैं।

प्रोफेशनल्स का स्वर्ग
भारत प्रोफेशनल्स की तलाश के लिए स्वर्ग बन चुका है, युवा प्रतिभाओं को खोजने का सबसे अच्छा स्थान भारत ही है। भारतीय बिजनेस स्कूल दुनियाभर के लिए प्रबंधक तैयार कर रहे है। - शर्लिन शेकल, प्रबंध भागीदार, हाईफील्ड ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म

Show comments

जरूर पढ़ें

क्या आपकी देशभक्ति पैसों के लिए छुट्टी पर है, पहलगाम आतंकी हमले को कैसे भूल गए क्रिकेटर, देशभक्ति दिखाना सिर्फ सेना का काम, सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का गुस्सा

धर्मांतरण गैंग की शिकार मेरठ की आशा नेगी की कहानी, पढ़िए छांगुर बाबा के राइटहैंड बदर सिद्दीकी ने कैसे फंसाया जाल में

मॉनसून सत्र से पहले डोनाल्ड ट्रंप बढ़ा रहे मोदी सरकार की मुश्किल, मोदीजी, 5 जहाजों का सच क्या है? देश को जानने का हक है

बिग बैंग के कुछ ही क्षणों बाद ब्रह्मांड ने खुद को नष्ट क्यों नहीं कर लिया, सर्न की खोज में सामने आया जवाब

कहीं आपको भी तो नहीं ट्रंप की यह बीमारी, दिल तक खून पहुंचने में दिक्कत, जानिए क्या है लक्षण और इलाज

सभी देखें

नवीनतम

DU की पहली सीट अलॉटमेंट लिस्ट जारी, 71 हजार से ज्‍यादा स्नातकों को होगा आवंटन

Gold-Silver Price : सोना फिर टूटा, चांदी में भी बड़ी गिरावट, जानिए क्‍या हैं भाव...

समझिए भारत के किस राज्य में महिलाओं के लिए कितना है आरक्षण, समझिए हॉरिजॉन्टल-वर्टिकल रिजर्वेशन

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और गूगल के वर्तमान संदर्भ में गुरु की प्रासंगिकता

Hustle Culture अब पुरानी बात! जानिए कैसे बदल रही है Work की Definition नई पीढ़ी के साथ