Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

अगला विश्व चैम्पियन देने को वानखेड़े तैयार

हमें फॉलो करें अगला विश्व चैम्पियन देने को वानखेड़े तैयार
नई दिल्ली , मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011 (18:30 IST)
FILE
अगला विश्व चैंपियन कौन होगा? क्या भारत अपनी सरजमीं पर विश्व कप 2011 जीतने में सफल होगा या कोई और विजेता बनकर उभरेगा? इन सवालों का जवाब दो अप्रैल को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में होने वाले दिन-रात्रि के खिताबी मुकाबले के बाद मिल जाएगा।

क्रिकेट के चाहने वालों को उम्मीद रहेगी कि यह स्टेडियम निर्माण कार्य संबंधी चिंताओं को दूर करते हुए ऐतिहासिक समापन समारोह और फाइनल मैच का गवाह बने।

उपमहाद्वीप में 19 फरवरी से शुरू हो रहे विश्वकप के तीन मुकाबले वानखेड़े स्टेडियम में आयोजित होंगे जिसमें 13 मार्च को कनाडा बनाम न्यूजीलैंड, 18 मार्च को न्यूजीलैंड बनाम श्रीलंका (दिन-रात्रि) और 2 अप्रैल को फाइनल मैच शामिल है।

मुंबई के इस स्टेडियम में अब तक 15 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जा चुके हैं, जिसमें से 14 मैच मेजबान भारत ने खेले हैं। भारत ने इनमें से आठ मैच जीते हैं जबकि छह में उसे हार का सामना करना पड़ा। विश्वकप के यहाँ तीन मैच खेले जा चुके हैं, जिसमें दो मैच विश्व कप 1987 में जबकि एक मैच विश्वकप 1987 के दौरान खेला गया था।

वानखेड़े स्टेडियम में आज तक कोई भी टीम वनडे में 300 या इससे रन बनाने में सफल नहीं रही है। वानखेड़े स्टेडियम में सर्वाधिक रन मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने बनाए हैं, जिन्होंने 10 वनडे मैचों में 43.70 की औसत से 437 रन बनाए जिसमें एक शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। भारतीय तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद के नाम यहां छह वनडे मैचों में सबसे ज्यादा 15 विकेट लेने का रिकार्ड है।

भारत की सहमेजबानी में हुए 1987 विश्व कप में ग्रुप 'ए' लीग मैच में भारत ने जिम्बाब्वे को इसी मैदान पर आठ विकेट से मात दी थी जिसमें दाएँ हाथ के गेंदबाज मनोज प्रभाकर (चार विकेट) को 'मैन ऑफ द मैच' पुरस्कार से नवाजा गया था।

भारत और इंग्लैंड के बीच हुए इसी विश्व कप के सेमीफाइनल में मेजबान टीम को 35 रन से हार झेलनी पड़ी थी, जिससे उनका 1983 के बाद लगातार दूसरे विश्वकप के फाइनल में पहुँचने का सपना टूट गया।

वर्ष 1996 विश्व कप में यहाँ भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया ग्रुप मैच काफी रोमांचक रहा था। ऑस्ट्रेलिया ने मार्क वॉ (126) के शतक से 258 रन बनाए थे। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की ओर से मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने आतिशी पारी खेली।

उन्होंने 84 गेंदों में 90 रन बनाए, जिसमें 14 चौके और एक छक्का भी शामिल है। सचिन के आउट होने के बाद भारतीय पारी लड़खड़ा गई और पूरी टीम 242 रन पर आउट हो गई। यह वानखेड़े के मैदान पर खेला गया पहला दिन-रात्रि मैच था।

इस मैदान पर खेले गए यादगार मैचों में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया टाइटन कप फाइनल भी शामिल है, जिसमें भारत ने 35 रन से जीत दर्ज की थी।

वानखेड़े स्टेडियम में अंतिम वनडे मैच भी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ही अक्टूबर 2007 में खेला गया था, जिसमें भारत ने दो विकेट से जीत दर्ज की थी और छह विकेट लेने वाले बाएँ हाथ के स्पिनर मुरली कार्तिक को 'मैन ऑफ द मैच' पुरस्कार से नवाजा गया था। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi