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IPL में 2 नई टीमें, 6 टीमें या BCCI की 2 टीमें

हमें फॉलो करें IPL में 2 नई टीमें, 6 टीमें या BCCI की 2 टीमें
मुंबई , शनिवार, 18 जुलाई 2015 (18:52 IST)
मुंबई। जस्टिस लोढ़ा समिति के ऐतिहासिक फैसले के बाद इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 2016 में होने वाले नौवें संस्करण में बीसीसीआई दो नई टीमें लाएगी या छह टीमें उतारेगी या फिर अपनी दो टीमें निकालेगा, इन विकल्पों के साथ आईपीएल संचालन परिषद की बैठक रविवार को यहां क्रिकेट सेंटर में होगी।        
जस्टिस लोढ़ा समिति ने पिछले मंगलवार को आईपीएल छह भ्रष्टाचार मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आईपीएल की दो टीमों चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स को दो साल के लिए टूर्नामेंट से निलंबित कर दिया था और इसके मालिकों गुरुनाथ मयप्पन तथा राज कुंद्रा को क्रिकेट से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था। 
       
इस फैसले के अगले दिन बीसीसीआई ने चैंपियंस लीग टी20 टूर्नामेंट को बंद करने की घोषणा कर दी जिसमें आईपीएल की शीर्ष तीन टीमें हिस्सा लिया करती थीं। बीसीसीआई और आईपीएल के सामने अब विकल्पों का धर्मसंकट खड़ा हो गया है और उसे अगले साल के आईपीएल के लिए अभी से नया रास्ता तलाशना है।
        
मंगलवार को आए जस्टिस लोढ़ा समिति के फैसले के बाद बीसीसीआई के तमाम आला अधिकारी और कानूनी टीम लंबी चर्चा कर चुके होंगे कि उन्हें कौन सा रोड मैप ढूंढना है। क्या आईपीएल दो नई टीमें लाएगी, छह टीमों के साथ अगले दो आईपीएल खेलेगी या फिर बीसीसीआई निलंबन खत्म होने तक अपनी दो टीमें उतारेगी। इसके साथ ही इस बात पर भी फैसला होना है कि चेन्नई और राजस्थान टीमों के खिलाड़ियों का क्या होगा। 
 
आईपीएल के अध्यक्ष राजीव शुक्ला का मानना है कि विवादों में घिरी यह लीग अगले सत्र में मजबूती के साथ वापसी करेगी और इसमें कम से कम आठ टीमें हिस्सा लेंगीं। शुक्ला ने कहा, हमें आईपीएल की पूरी चिंता है और मैं यह विश्वास दिलाता हूं कि अगले सत्र में यह लीग कहीं ज्यादा मजबूती से वापसी करेगी। यह फिर से जीवित होने वाला टूर्नामेंट है और दो टीमों के निलंबन का इस पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा। हम इसे छह टीमों के साथ संपन्न नहीं करा सकते हैं इसलिए पूरी आठ टीमें ही इसमें हिस्सा लेंगी।
                
उन्होंने कहा हमारे सामने अभी कई रास्ते खुले हुए हैं जिनमें से एक विकल्प यह है कि बीसीसीआई दो टीमों का संचालन करे और जिम्मेदार लोगों को यह कार्यभार सौंपा जाए। इसमें हितों के टकराव जैसा कोई भी मामला नहीं है, बीसीसीआई तो आईपीएल का निरीक्षण करती ही है। खिलाड़ियों की नीलामी और टीम का प्रबंधन ही दो प्रमुख कार्य हैं।
              
संचालन परिषद की बैठक में लोढ़ा समिति की रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा होगी। इसके बाद एक उप समूह का गठन भी किया जाएगा जो इस रिपोर्ट का अध्ययन करेगा। इस अध्ययन के आधार पर देखा जाएगा कि इस रिपोर्ट को कैसे लागू किया जाएगा।
               
जस्टिस लोढ़ाने अपने फैसले के एक दिन बाद एक टीवी चैनल से कहा था कि बीसीसीआई आईपीएल फ्रेंचाइजी को समाप्त करने के लिए स्वतंत्र है। इस सूरत में यह संभावना बन सकती है कि बीसीसीआई इन दोनों टीमों को समाप्त कर दो नई टीमों को लाने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दे।
 
इस बीच बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर ने मौजूदा अध्यक्ष जगमोहन डालमिया से शुक्रवार को कोलकाता में मुलाकात की थी और इस मामले में अपने विचार रखे थे। जस्टिस लोढ़ा समिति से पहले आईपीएल छह में भ्रष्टाचार की जांच करने वाले जस्टिस मुद्गल ने भी सुझाव दिया था कि दो नई फ्रेंचाइजी लाई जा सकती हैं और फुटबॉल की तर्ज पर चेन्नई और राजस्थान के खिलाड़ियों को लोन पर दो वर्ष के लिए नई टीमों में रखा जा सकता है जिसके बाद ये खिलाड़ी अपनी मूल फ्रेंचाइजी में लौट जाएंगे।
        
लेकिन सवाल यही है कि 2017 के बाद इन दो नई फ्रेंचाइजी का क्या होगा। चेन्नई और राजस्थान की वापसी के बाद बीसीसीआई 10 टीमों का आईपीएल कराएगी जिससे टूर्नामेंट के दिन और मैचों की संख्या बढ़ जाएगी। बीसीसीआई ने 2011 में 10 टीमों के साथ तथा 2012 और 2013 में नौ टीमों के साथ आईपीएल कराया था। ए टूर्नामेंट काफी लंबे रहे थे जिसके बाद आईपीएल 2014 में आठ टीमों के फार्मेट में लौट आया।
       
यह बात साफ है कि आईपीएल संचालन परिषद को विकल्पों पर खासी माथा पच्ची करनी होगी और वह रास्ता ढूंढना होगा जो सभी पक्षों को सही दिखाई दे और क्रिकेट की साख भी बची रह सके। (वार्ता)

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