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एशेज से लौट आएगी टेस्ट की बहार

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नई दिल्ली (भाषा) , गुरुवार, 28 मई 2009 (22:38 IST)
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने ट्‍वेंटी-20 को इस खेल का आकर्षक और रोमांचक प्रारूप करार देते उम्मीद जताई कि टेस्ट क्रिकेट पर इसका प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा तथा इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच जुलाई से होने वाली एशेज श्रृंखला से पाँच दिनी मैचों की बहार लौट आएगी।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी हारून लोर्गट ने कहा ‍कि इसमें कोई शक नहीं कि ट्‍वेंटी-20 आकर्षक रोमांचक और जल्दी परिणाम देने वाला है तथा दर्शक इसे पसंद कर रहे हैं लेकिन दर्शक टेस्ट मैचों को भी चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत और इंग्लैंड के बीच विशेषकर चेन्नई मैच ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका के बीच श्रृंखला का क्रिकेट प्रेमियों ने पूरा लुत्फ उठाया और मुझे विश्वास है कि जब एशेज लोगों का ध्यान खींचने में सफल रहेगी और दर्शका उसका भरपूर मजा लेंगे।

दक्षिण अफ्रीका में हाल में खेली गई इंडियन प्रीमियर लीग को मिली अपार सफलता और इंग्लैंड में होने वाली ट्‍वेंटी-20 विश्व चैम्पियनशिप को देखते कयास लगाये जा रहे हैं कि यह छोटा प्रारूप टेस्ट और एकदिवसीय मैचों पर हावी हो सकता है।

टेस्ट मैचों में दर्शकों की घटती संख्या पर पिछले साल आईसीसी ने चिंता जताई थी और अब भी उसका मानना है कि ट्‍वेंटी-20 को घरेलू स्तर पर ही अधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए। लोर्गट ने खुलासा किया कि आईसीसी में एक वर्ग ट्‍वेंटी-20 को सीमित करने के पक्ष में है।

उन्होंने कहा कि आईसीसी ने ट्‍वेंटी-20 को कभी प्रदर्शनी मैच की तरह नहीं माना लेकिन दो देशों के बीच श्रृंखला में ट्‍वेंटी-20 मैचों को लेकर बातचीत चल रही है। एक वर्ग का मत है कि ट्‍वेंटी-20 को सीमित किया जाना चाहिए।

लोर्गट ने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट को बढ़ावा दिया जाना चाहिए जबकि घरेलू स्तर पर इस खेल को बढ़ावा देने के लिए ट्वेंटी-20 का उपयोग किया जा सकता है।

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