निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) की धुर आलोचक रहे भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने कहा है कि वह आईसीसी क्रिकेट समिति की सभी टेस्ट मैचों में यह विवादास्पद प्रणाली लागू करने की सिफारिश का विरोध करेगा। इस मसले को अगले महीने आईसीसी कार्यकारी बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा।
आईसीसी क्रिकेट समिति ने लंदन में दो दिवसीय बैठक में डीआरएस के उपयोग की समीक्षा करने के बाद सभी टेस्ट मैचों में इस प्रणाली के उपयोग की सिफारिश की। इसके साथ ही समिति ने एकदिवसीय और ट्वेंटी-20 श्रृंखलाओं में भी डीआरएस के उपयोग की सिफारिश की है। इसमें प्रत्येक टीम को प्रत्येक पारी में एक बार अंपायर के फैसले को चुनौती देने की अनुमति दी जाएगी।
डीआरएस 2009 से टेस्ट क्रिकेट में उपयोग किया जा रहा है और पिछले दो साल में इसका 31 मैचों में उपयोग किया गया। अभी प्रत्येक टीम हर पारी में दो बार समीक्षा के लिए कह सकती है। यदि अंपायर का फैसला पलट जाता है तो टीम के पास समीक्षा का मौका बचा रहेगा जबकि अंपायर का फैसला दुरुस्त पाए जाने पर वह मौका गंवा देगी।
बीसीसीआई शुरू से ही इस प्रणाली का विरोध करती रही है और उसने अगले महीने आईसीसी कार्यकारी बोर्ड की बैठक में इसका विरोध करने का फैसला किया है। बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘हम हमेशा डीआरएस के खिलाफ रहे हैं और हमारे रवैये में बदलाव नहीं हुआ है। कार्यकारी बोर्ड की बैठक में जब इस पर चर्चा होगी तो हम इसका विरोध करेंगे।’
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी डीआरएस का विरोध करते रहे हैं जिनका मानना है कि शत प्रतिशत सटीक होने पर ही प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए। (भाषा)