बीसीसीआई की आपत्तियों के आगे झुकते हुए खेल मंत्रालय ने संशोधित राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक में सोमवार को क्रिकेटरों को विश्व डोपिंग रोधी संस्था (वाडा) के कुछ नियमों से छूट देने का फैसला किया जिसमें ‘ठहरने के स्थान संबंधी’ विवादास्पद नियम भी शामिल है।
खेल मंत्री अजय माकन ने यहां कहा कि संशोधित विधेयक राष्ट्रीय संघों को वाडा नियमों के साथ टकराव होने पर अपने अंतरराष्ट्रीय महासंघों के नियमों को मानने की स्वीकृति देता है।
माकन ने कहा, ‘‘बीसीसीआई की आपत्ति को देखते हुए हमने क्रिकेटरों को कुछ डोपिंग रोधी नियमों से छूट देने का फैसला किया है। आईसीसी वाडा के कुछ नियमों को नहीं मानती और ऐसे मामलों में अंतरराष्ट्रीय महासंघ, जो इस मामले में आईसीसी है, के नियमों को वाडा नियमों पर तरजीह मिलेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि वाडा के नियम क्रिकेटरों पर लागू नहीं होंगे लेकिन जिन मामलों में टकराव की स्थिति है वहां आईसीसी के नियम लागू होंगे। साथ ही यह छूट बीसीसीआई को नहीं बल्कि आईसीसी को है।’’
पिछले साल आईसीसी ने भारतीय क्रिकेटरों और बीसीसीआई की आपत्ति के बाद वाडा के ‘ठहरने का स्थान संबंधी’ विवादास्पद नियम को नहीं मानने का फैसला किया था जिसमें क्रिकेटरों को तीन महीने पहले ही किसी दिन परीक्षण के लिए कुछ घंटे उपलब्ध रहने की जानकारी देनी होती है। कैबिनेट ने मंत्रालय को कुछ नियमों पर दोबारा काम करने को कहा था जिसके बाद अब संशोधित विधेयक दोबारा कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। इस संशोधित विधेयक में अन्य विवादास्पद प्रावधानों को बरकरार रखा गया है जिसमें भारतीय ओलंपिक संघ और राष्ट्रीय खेल महासंघों के अधिकारियों की आयु और कार्यकाल सीमित करना भी शामिल है। खेल लोकपाल और राष्ट्रीय खेल विकास परिषद को संशोधित विधेयक में जगह नहीं मिली है।
सूचना का अधिकार कानून से छूट के प्रावधान को भी संशोधित विधेयक में डाला गया है जिससे कि एथलीटों का चयन और नियुक्ति तथा कोचों, एथलीटों का प्रदर्शन और स्वास्थ्य, फिटनेस और डोपिंग मुद्दों से जुड़ी सूचनाओं को सार्वजनिक होने से बचाया जा सके। (भाषा)