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रणजी फाइनल में मुंबई का सामना कर्नाटक से

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मैसूर , रविवार, 10 जनवरी 2010 (23:37 IST)
उत्साह से सराबोर कर्नाटक की टीम सोमवार को रणजी ट्रॉफी फाइनल में जब 38 बार के चैम्पियन मुंबई से भिड़ेगी तो उसका लक्ष्य 11 साल के खिताबी सूखे को खत्म करना होगा।

बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत कर्नाटक सुपर लीग चरण में छह मैचों में 28 अंक के साथ चोटी पर रहा था और फिर उसने फाइनल तक के अपने सफर में पंजाब और कर्नाटक को बाहर किया था।

बल्लेबाजी मुंबई का मजबूत पक्ष है और कर्नाटक को उम्मीद होगी कि अभिमन्यु मिथुन (आठ मैचों में 38 विकेट), आर विनय कुमार (सात मैचों में 39 विकेट) और श्रीनाथ अरविंद (सात मैच में 26 विकेट) एक बार फिर विरोधी टीम के बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने में सफल रहेंगे।

यह देखना होगा कि मुंबई तेज गेंदबाजी के अनुकूल पिच पर मिथुन से कैसे निपटता है। 21 साल के इस युवा तेज गेंदबाज की ताकत तेज गति और सटीक गेंदबाजी है। मुंबई को इसके अलावा अच्छे फॉर्म में चल रहे विनय कुमार से भी निपटना होगा।

बाएँ हाथ के स्पिनर सुनील जोशी भी खिताबी जीत के साथ प्रथम श्रेणी क्रिकेट को अलविदा कहना चाहेंगे। दूसरी तरफ वसीम जाफर की अगुवाई वाली मुंबई ने अपनी बल्लेबाजी के दम पर विरोधी टीमों को बाहर का रास्ता दिखाया है।

इस सत्र में सर्वाधिक रन बनाने वाले अजिंक्य रहाणे (761 रन), जाफर (627) और साहिल कुकरेजा (588) ने मुंबई के लिए खूब रन जोड़े हैं जबकि अजित आगरकर (391), अभिषेक नायर और रमेश पोवार ने भी जरूरत के समय अपने बल्ले से उपयोगी योगदान दिया है।

मुंबई के गेंदबाजी आक्रमण में हालाँकि इस बार उतना पैनापन नहीं दिखा। धवल कुलकर्णी और इकबाल अब्दुल्ला जैसे गेंदबाजों की मौजूदगी में गेंदबाजों को एकजुट होकर प्रदर्शन करते हुए कर्नाटक के बल्लेबाजों पर लगाम कसनी होगी।

चोट से उबरने के बाद कुलकर्णी की टीम में वापसी हुई है जबकि कर्नाटक की टीम में राहुल द्रविड़ की जगह बालचंद्र अखिल को शामिल किया गया है। (भाषा)

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