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मित्रता या प्यार की विचित्रता

नहीं, यह प्यार नहीं कुछ और है....

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हमें फॉलो करें मित्रता
- मानसी
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हेलो दोस्तो! हम आए दिन एक न एक विचित्र घटना सुनते हैं और चकित होते रहते हैं। किसी हैरतअंगेज घटना के बाद ऐसा लगता है मानो अब इससे ज्यादा हैरानी वाली खबर हमें नहीं मिलेगी पर फिर किसी अजूबी खबर से हम ठगे से रह जाते हैं। आखिरकार हार मानकर हम यह स्वीकार कर लेते हैं कि इस दुनिया में कुछ भी संभव है।

कौन जाने कल ऐसी कोई साउंड मशीन बन जाए जिसमें वर्ष, महीना, दिन, समय नियत कर देने पर उस समय की बातचीत वह रिकॉर्ड करके हमें सुना दे। तब हम सुन पाएँगे कि शाहजहाँ और मुमताज महल ने आपस में क्या बातें की थीं। शायद एक दिन हम बिंदु के आकार में तब्दील हो जाएँ और सूर्य की किरणें हमें एक देश से दूसरे में पलक झपकते पहुँचा दे। सच तो यह है कि चमत्कार को सलाम कर हम सोचना ही छोड़ देते हैं।

इसी प्रकार भावनाओं के कितने ही रूप हमारे सामने इस तरह उजागर होते हैं कि हमें उस पर यकीन नहीं होता है। हम हैरान-परेशान यही सोचते रह जाते हैं कि आखिर इसे अब किस श्रेणी में रखा जाए। ऐसी ही एक विचित्र भावना का उत्तर खोज रहे हैं सिद्धांत (बदला हुआ नाम)।

सिद्धांत के अनुसार वह एक लड़की से बेहद प्यार करते हैं। दोनों ही एक-दूसरे को तकरीबन 10 वर्षों से प्यार करते हैं। उस लड़की की शादी कहीं और हो गई है। उसके बावजूद वह उसे रोजाना फोन करती है। उसके पति को भी इस बात का पता है। अब सिद्धांत को लगता है कि वह इस प्रेम प्रसंग को हमेशा बनाए रखने के लिए एक ठोस रूप दे दें। उनका मतलब है दोनों व्यक्तियों को वह लड़की समान रूप से प्यार करे।

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सिद्धांत जी, यह समझ में नहीं आया कि जब दस सालों से आप लोगों का प्यार था तब आप लोगों ने शादी क्यों नहीं की? क्या इस दिन का इंतजार था कि कब आपकी दोस्त की शादी हो और फिर आप दोनों एक-दूसरे के लिए तड़पें और फिर शादी करें? शादी के बाद किसी से किसी की दोस्ती या प्रेम हो जाए यह बात तो समझ में आती है पर शादी से पहले से जो लोग प्रेम में हैं वह किसी और से शादी कर फिर पुराने प्रेम को अपनाने की सोचें यह विचित्र है। आप दोनों पहले भी एक थे फिर एक हो जाएँगे पर उस तीसरे व्यक्ति को बीच में क्यों घसीटा गया, इसका आपके पास जवाब नहीं है।

आप इसे दोस्ती भर सीमित रखें तो बेहतर होगा। पारिवारिक संबंध रखने में भी कोई हर्ज नहीं है पर उससे ज्यादा सोचना आप तीनों के लिए अन्यायपूर्ण है। इसका खुशनुमा नतीजा नहीं निकलेगा। इतनी लंबी दोस्ती और इतनी समझदारी भरे प्रेम संबंध के बाद भी अगर आपकी दोस्त ने कहीं और शादी कर ली है तो आप आगे उस पर कितना भरोसा कर सकते हैं।

यह आपको विचार करना पड़ेगा। वह आपको एक बार फिर कभी भी छोड़ सकती है। इस रिश्ते में आप उसके रहमोकरम पर होंगे। आपकी सामाजिक और कानूनी हैसियत कुछ भी नहीं होगी।

उसका मन टटोलने के लिए भी आपको कुछ दिनों के लिए इस रिश्ते से दूर हो जाना चाहिए। उसके बाद ही आप अंदाजा लगा पाएँगे कि वह अपनी घर गृहस्थी में लीन हो जाती है या आपके प्रति कोई जिम्मेदारी महसूस करती है। बेहतर तो यही है कि आप भी शादी कर लें ताकि आपकी भी अपनी जिंदगी हो।

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यूँ तो हर व्यक्ति को हक है कि वह अपने मन के भीतर किसी की भी छवि बिठाए रखे। विचित्र मोड़ या विचित्र पेंच में ही किसी व्यक्ति को संतुष्टि मिले पर सुकून के लिए एक न एक दिन आपको एक फैसला लेना ही पड़ता है।

इसी प्रकार की मिलती-जुलती समस्या है जसपाल शेट्टी की। वह एक चैनल में काम करते हैं। उनकी एक दोस्त है जो उसे तो फोन करने से मना करती है पर खुद फोन करती रहती है। उसकी खोज-खबर लेती है पर कोई दूसरा इससे संबंधित बात करता है तो रोक देती है। मजे की बात यह है कि जसपाल जी के प्रेम की भावना की जानकारी भी उसे है।

जसपाल जी, आप इस बात का इंतजार क्यों कर रहे हैं कि वह आपके प्यार को पूरी तरह मना कर दे या स्वीकार करे। उसके पूरे रवैए को देखकर आप भी तो कोई निर्णय ले सकते हैं। आपकी दोस्त इस बात का इंतजार कर रही है कि कोई अन्य मनचाहा रिश्ता मिले तो वह आपको दोस्ती के खाते में ही महफूज रहने दे और यदि कोई और नहीं मिला तो आप हैं ही। बेहतर है आप दूरी बना लें ताकि वह किसी फैसले पर पहुँच सके। आप उसमें अपनी रुचि न दिखाएँ और अपने कॅरियर पर ध्यान दें।

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