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जब बच्चे के मुँह में हो अँगूठा

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एक सर्वेक्षण के अनुसार 2 से 6 साल के 12 प्रतिशत बच्चों में अँगूठा चूसने की आदत होती है। यह आदत अमतौर पर उस समय जन्म लेती है, जब भूख के कारण रोते शिशु का अँगूठा एकाएक उसके मुँह में चला जाता है और वह चुप हो जाता है।

आदत छुड़ाने हेतु करें :

* पहली बात तो यह कि इस आदत को शुरुआत में ही रोकने का प्रयास करना चाहिए। माता-पिता यह ध्यान रखें कि उनका बच्चा इस आदत को न अपनाए।

* बच्चे को समय पर उचित मात्रा में भोजन व दूध पिलाते रहें। उनके हाथों में कोई खिलौना आदि देकर उन्हें व्यस्त कर दें।

* बच्चों को माता-पिता का साथ समय-समय पर मिलता रहना चाहिए, इससे वे अकेलापन व असुरक्षा का अनुभव नहीं करते, साथ ही उन्हें डर भी रहेगा कि ऐसा करने पर उन्हें डाँटा जा सकता है।

* कुछ माताएँ तो अपने शिशु को व्यस्त रखने के लिए जान-बूझकर उसके हाथ में चूसनी पकड़ा देती हैं, यह चूसनी की आदत ही अँगूठा या अँगुली चूसने का रूप धारण कर लेती है।

* यदि बच्चा ऐसा कर रहा है तो झटके से उसके मुँह से हाथ न झटकें, इससे बच्चा जिद्दी हो सकता है।

* कुछ लोग बच्चे की इस आदत को छुड़ाने के लिए हाथों पर नीम का तेल या मिर्च लगा देते हैं, इससे बच्चे को नुकसान हो सकता है, वह अपना हाथ आँख में लगा सकता है। इससे बच्चे में अपराध भाव पैदा होता है व उसका मानसिक विकास रुक जाता है।

* यदि सभी उपाय करने पर भी बच्चा इस गंदी आदत को न छोड़े तो किसी योग्य मनोचिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

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