मिले जब उम्मीद से ज्यादा

एक-दो नहीं हम हैं तीन

गायत्री शर्मा
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नन्हे शिशु की किलका‍रियों के साथ ही आपके घर में खुशियों का आगमन होता है। शिशु आपके सपनों का मूर्त रूप होता है, जब आपके घर-परिवार में पहला शिशु जन्म लेता है, तब नौ महीने के वे अनुभव माँ-बाप दोनों के लिए यादगार व अविस्मरणीय होते हैं।

कभी-कभी प्रकृति भी चमत्कार करती है और आप जो कुछ माँगते हैं, वह आपको आपकी उम्मीद से कहीं ज्यादा देती है। दंपति के लिए ऐसा ही कुछ तब होता है जब पहली प्रेग्नेंसी में एक-दो नहीं बल्कि तीन नवजात शिशु एक साथ जन्म लेते हैं। ऐसे में डिलेवरी से लेकर बच्चों के लालन-पालन संबंधी कई प्रकार की परेशानियाँ माँ-बाप के सामने आती हैं। मल्टीपल प्रेग्नेंसी बहुत हाई रिस्क प्रेग्नेंसी होती है हालाँकि ऐसे मामले कम ही देखने में आते हैं।

  मल्टीपल प्रेग्नेंसी गर्भवती माँ व शिशु दोनों के लिए हाईरिस्क होती है। ऐसे में महिलाओं को नॉजिया, हाई ब्लडप्रेशर, थकान आदि बीमारियों की आशंकाएँ अधिक होती हैं। ऐसे में उन्हें अपने स्वास्थ्य व खानपान पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है।      
* क्या है कारण :-
ट्रिप्लिट शिशुओं का जन्म अपने आप में एक चमत्कार है लेकिन विज्ञान के अनुसार इसके पीछे भी कारण है। चिकित्सकों के अनुसार जब फर्टिलाइजेशन के बाद एक ही अंडा दो या तीन भागों में विभक्त हो जाता है और उनमें से हर एक अलग-अलग स्पर्म के साथ फर्टिलाइज हो जाए तो इस प्रकार की प्रेग्नेंसी की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं।

मल्टीपल प्रेग्नेंसी का एक और कारण एसिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नॉलॉजी भी है। इसमें आसानी से गर्भधारण नहीं कर पाने वाली महिलाएँ जब फर्टिलिटी बढ़ाने वाली दवाओं का सेवन करती हैं तो इन दवाओं के अधिक सेवन करने से भी इस प्रकार की प्रेग्नेंसी हो सकती है।

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* अब है आधुनिक तकनीक :-
आज चिकित्सा ने इतनी प्रगति कर ली है कि आधुनिक मशीनों के जरिए गर्भ में शिशु की क्या स्थिति या हरकतें हैं, सबका आसानी से पता लगाया जा सकता है। थ्री और फोर डाइमेंशनल अल्ट्रासाउंड तकनीक के जरिए गर्भ में पल रहे बच्चे की स्थिति का जायजा लिया जा सकता है।

* रखें इन बातों का ख्याल :-
मल्टीपल प्रेग्नेंसी गर्भवती माँ व शिशु दोनों के लिए हाईरिस्क होती है। ऐसे में महिलाओं को नॉजिया, हाई ब्लडप्रेशर, थकान आदि बीमारियों की आशंकाएँ अधिक होती हैं। ऐसे में उन्हें अपने स्वास्थ्य व खानपान पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

मल्टीपल प्रेग्नेंसी में महिलाओं को निम्न बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए -
* जब मल्टीपल प्रेग्नेंसी हो तब गर्भवती महिलाओं को अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चा‍हिए क्योंकि अब उनके गर्भ में एक से अधिक शिशु पल रहे होते हैं जिन्हें अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है।
* नियमित रूप से हर माह में चिकित्सकीय जाँच करवाना न भूलें।
* सभी प्रकार के तनाव को त्यागकर प्रसन्न रहें क्योंकि ऐसे समय में तनाव महिला के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
* जहाँ तक हो सके गर्भवती महिला अधिक थका देने वाले काम से बचें।
* मल्टीपल प्रेग्नेंसी में प्रीमेच्योर डिलेवरी के चांसेस बढ़ जाते हैं। अत: इसके लिए मानसिक व शारीरिक रूप से तैयार रहें।
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