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ईजी नहीं रहा 3 जी

टेस्टिंग से आगे नहीं बढ़ पा रहा मामला

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नवंबर से चल रही 3जी की लॉन्‍चिंग की योजना जून में भी पूरी होती नजर नहीं आ रही है। मामला उपकरणों की जाँच से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इधर निजी कंपनियों द्वारा इस काम में लाई गई तेजी बीएसएनएल की योजनाओं को बड़ा नुकसान पहुँचा सकती हैं।

कई सुविधाओं से लैस मोबाइल की नई तकनीक 3-जी की लॉन्‍चिंग के लिए नवंबर से तैयारियाँ चल रही हैं। बीएसएनएल ने इसकी टलती तारीखों को जून के अंतिम सप्ताह में विराम देने की घोषणा की थी, लेकिन तत्कालीन व्यवस्थाओं के चलते इस समयावधि में भी इसकी लॉन्‍चिंग संभव नजर नहीं आ रही है।

सूत्रों का कहना है कि बीएसएनएल इसके लिए बड़े स्तर पर तैयारियाँ कर रहा है। टॉवर सहित अन्य जरूरी उपकरणों की स्थापना का काम भी लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन इनकी टेस्टिंग फिलहाल नहीं हो पाई है। जिसके चलते इसकी लॉन्‍चिंग लगातार टलती जा रही है।

बिगड़ रहा नेटवर्क
उम्मीद की जा रही है कि 3-जी लॉन्‍च होने के बाद बीएसएनएल नेटवर्क में आए दिन आने वाली परेशानियों से निजात मिल जाएगी, लेकिन पिछले कई महिनों से चल रही उपकरणों की जाँच के चलते इन दिनों बीएसएनएल का नेटवर्क आए दिन खराब हो रहा है। पिछले सप्ताह ठप हुए बीएसएनएल नेटवर्क का कारण भी इसी को बताया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि अब तक 2 जी फ्रिक्वेंसी पर चल रहे नेटवर्क के बीच 3 जी फ्रिक्वेंसी छो़ड़ने के चलते यह अव्यवस्थाएं बन रही हैं।

प्रतिस्पर्धा न पड़ जाए भारी
जहाँ बीएसएनएल 3-जी की लॉन्‍चिंग में लगातार पिछ़ड़ता जा रहा है, वहीं अन्य निजी दूरसंचार कंपनियों ने इस दिशा में अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं। इस मामले में एयरटेल को सबसे आगे माना जा रहा है। यह माना जा रहा है कि वह 3-जी नेटवर्क जल्दी ही लॉन्‍च कर सकता है। इसके अलावा आईडिया और रिलायंस ग्रुप भी इस दौ़ड़ में शामिल हैं।

सूत्रों का कहना है कि 3 जी के लिए बीएसएनएल द्वारा तय की गईं दरें (पहले 3 माह 30 पैसे प्रति मिनट और इसके बाद 70 पैसे प्रति मिनट) भी इस तकनीक को उपभोक्ताओं से दूर करने का कारण बन सकती हैं। बताया जाता है कि निजी कंपनियाँ 3 जी इससे कम दरों के साथ लांच करने की तैयारियाँ कर चुकी हैं।

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