नई दिल्ली। केंद्र ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसने देश में सभी ब्रांड के कंडोम पर अधिकतम मूल्य की सीमा में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। हालांकि इससे कंडोम कीमतों में 1.48 रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
फार्मा कंपनियों रेकिट बेंकाइजर व जे के एन्सेल लि. (जेकेएएल) की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र ने मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी व न्यायमूर्ति आरएस एंड लॉ की पीठ के समक्ष यह जानकारी दी। फार्मा कंपनियों ने कंडोम की कीमत की सीमा तय करने के सरकार के फैसले को चुनौती दी थी।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील समित पुष्करणा ने पीठ को राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल्स मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए) द्वारा 10 जुलाई, 2014 को जारी अधिसूचना सौंपी। इसके अनुसार कंडोम की अधिकतम कीमत की सीमा 6.56 रुपए से बढ़ाकर 8.04 रुपए प्रति कंडोम की गई है।
पुष्करणा ने अदालत को बताया कि सरकार की अधिसूचना पर स्थगन नहीं दिया गया है। इसके बावजूद फार्मा कंपनियां 46 रुपए प्रति इकाई के भाव तक कंडोम बेच रही हैं।
फार्मा कंपनियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस बात पर सहमति जताई कि कंडोम की बिक्री कहीं ऊंची कीमत पर की जा रही है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने दलील दी कि कंडोम 'उपकरण' हैं, न कि दवा।
उन्होंने कहा, ऐसे में ये दवा मूल्य नियंत्रण आदेश के दायरे में नहीं आते। ऐसे में इनकी सीमा तय नहीं की जा सकती। रेकिट और जेकेएएल ने मूल्य संशोधन के आधार पर भी स्पष्टीकरण मांगा है। (भाषा)
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