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दिल्ली NCR में वायु प्रदूषण बना साइलेंट किलर, पराली नहीं है जहरीली हवा की असली वजह

सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरन्मेंट की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , मंगलवार, 2 दिसंबर 2025 (08:34 IST)
Delhi Air Pollution : सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरन्मेंट (सीएसई) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में दिल्ली NCR के वायु प्रदूषण को साइलेंट किलर बताते हुए दावा किया गया है कि एनसीआर में पराली नहीं, बल्कि स्थानीय स्रोतों से होने वाला प्रदूषण ही इस जहरीले कॉकटेल की मुख्य वजह है।
 
रिपोर्ट में दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता पर गंभीर चिंता जताई है। इसमें कहा गया है कि क्षेत्र की हवा में जहर है और वायु प्रदूषण साइलेंट किलर बन गया है। यह चुपचाप लोगों में सांस संबंधी समस्याओं के साथ-साथ हृदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां बढ़ा रहा है।
 
सीएसई की रिपोर्ट में कहा गया कि इस वर्ष दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली के धुएं का योगदान 5% से भी कम रहा। फिर भी अक्टूबर और नवंबर में ज्यादातर दिन AQI लगातार ‘बेहद खराब' और 'गंभीर’ में बना रहा। इसकी वजह वाहनों और अन्य स्थानीय स्रोतों से निकलने वाला पीएम 2.5, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) का बढ़ता जहरीला मिश्रण है। 
 
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की रिसर्चर अनुमिता रॉयचौधरी के अनुसार, सर्दियों में हवा नीचे बैठी रहती है, जिससे वाहनों का धुआं वायुमंडल में फंस जाता है। यह रोज का जहरीला कॉकटेल बन रहा है। उन्होंने कहा कि फिर भी सर्दियों में धूल नियंत्रण के उपायों पर ही ध्यान दिया जाता है, तथा वाहनों, उद्योगों, अपशिष्ट जलाने और ठोस ईंधनों पर कार्रवाई कम होती है।
 
कैसे कंट्रोल होगा वायु प्रदूषण : सीएसई ने दिल्ली में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए जो उपाय सुझाएं हैं, उनमें मुताबिक पुरानी डीजल और पेट्रोल गाड़ियों को तेजी से स्क्रैप करना, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देना, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और लास्ट-माइल कनेक्टिविटी बढ़ाना शामिल है। इसके साथ ही पार्किंग कैप और कंजेशन टैक्स, कल कारखानों में कोयले की जगह स्वच्छ ईंधन का उपयोग, खुले में कचरा जलाने पर पूरी तरह पाबंदी, सभी घरों को साफ ईंधन उपलब्ध कराना, फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाना, बायो-मेथनेशन और एथेनॉल-गैस उत्पादन को बढ़ावा देना होगा।
edited by : Nrapendra Gupta  
 

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