Delhi Blast : कैसे फेल हो गया डॉ. उमर नबी का प्लान, 6 दिसंबर को कैसे और कहां करना चाहता था विस्फोट
डॉ. उमर नबी ने 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के आसपास एक शक्तिशाली विस्फोट की योजना बनाई थी
Delhi Blast News : दिल्ली धमाकों को लेकर एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है। मामले को लेकर लगातार गिरफ्तारियां जारी हैं। फरीदाबाद पुलिस ने लाल रंग की इकोस्पोर्ट DL 10 CK 0458 को पकड़ा है, जिसके दिल्ली विस्फोट मामले के मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर नबी से जुड़े होने का संदेह है। यह खंदावली गांव के पास खड़ी मिली थी। जांच में यह भी सामने आया है कि डॉ. उमर नबी का 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस पर शक्तिशाली विस्फोट का प्लान था। CFSL टीम ने लाल किले के पास कार विस्फोट स्थल से जांच के लिए नमूने एकत्र किए।
26/11 जैसे हमले को देना चाहते थे अंजाम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली ब्लास्ट को अंजाम देने वाले आतंकियों ने देशभर में 200 बम (IEDs) से 26/11 जैसे हमले करने की साजिश रची थी। खबरों के अनुसार दिल्ली के लाल किला, इंडिया गेट, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब और गौरी शंकर मंदिर जैसी जगह धमाके किए जाने थे। लाल किला विस्फोट की जांच कर रहे अधिकारियों के मुताबिक लाल किले के पास विस्फोटकों से लदी कार चला रहे डॉ. उमर नबी ने 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के आसपास एक शक्तिशाली विस्फोट की योजना बनाई थी। बताया जा रहा है कि इस धमाके के पीछे कोई आम गिरोह नहीं, बल्कि एक डॉक्टर आतंकी मॉड्यूल था, जो जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बताया जा रहा है।
मंदिर और धार्मिक स्थल भी थे निशाने पर
अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार आतंकियों के मॉड्यूल में UP के मंदिर/धार्मिक स्थल टारगेट पर थे, खास तौर पर अयोध्या और वाराणसी। आतंकी अयोध्या में भी विस्फोट करना चाहते थे इसके लिए गिरफ्तार हो चुकी शाहीन ने अयोध्या के स्लीपर मॉड्यूल को एक्टिवेट भी कर रखा था।
200 से अधिक शक्तिशाली IED
मीडिया खबरों के अनुसार मॉड्यूल ने करीब 200 से अधिक शक्तिशाली IED तैयार करने की योजना बनाई थी, जिन्हें एक साथ दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद के हाई-प्रोफाइल निशानों पर उपयोग किया जाना था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर साम्प्रदायिक तनाव भड़काने की साजिश की गई थी।
अब तक कितनी गिरफ्तारियां
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मॉड्यूल से जुड़े 15 लोगों को गिरफ्तार किया है और 3 को हिरासत में लिया गया है। जांच के दौरान करीब 56 डॉक्टरों से पूछताछ की जा चुकी है। आरोप है कि यही समूह 10 नवंबर की शाम लाल किले के पास हुए विस्फोट के पीछे था।
बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते आया विस्फोटक
मीडिया खबरों के मुताबिक गिरफ्तार आतंकियों तक ये विस्फोटक बांग्लादेश के रास्ते नेपाल और फिर भारत आया था। आतंकियों द्वारा किसी फर्टिलाइजर कंपनी से उक्त अमोनियम नाइट्रेट को चोरी से हासिल किया गया है। भारत में कुल 3200 किलोग्राम की खेप आई है। एजेंसियों ने इस पूरे रूट को अलर्ट किया है। Edited by : Sudhir Sharma