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अभिरक्षा विवाद में दिल्ली पुलिस का दावा, रूसी महिला ने अब तक भारत नहीं छोड़ा

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , शनिवार, 19 जुलाई 2025 (00:18 IST)
Russian woman Case : दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को अवगत कराया कि बच्चे की अभिरक्षा को लेकर परित्यक्त भारतीय पति के साथ कानूनी विवाद में उलझी रूसी महिला ने अब तक देश नहीं छोड़ा है, कम से कम कानूनी तौर पर तो नहीं। भारतीय पिता अलग हुई रूसी महिला से बच्चे की अभिरक्षा हासिल करने की लड़ाई लड़ रहा है और उसने आरोप लगाया है कि वह (रूसी महिला) नाबालिग की अभिरक्षा के अदालती आदेश का पालन नहीं कर रही है। उस व्यक्ति ने दावा किया कि महिला और उसके बच्चे का अता-पता नहीं है।
 
शीर्ष अदालत ने 17 जुलाई को दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को बच्चे का तुरंत पता लगाने का निर्देश दिया था और केंद्र से महिला और नाबालिग के संबंध में लुकआउट नोटिस जारी करने को कहा था, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह (महिला) देश छोड़कर न जाए।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने शुक्रवार को विदेश मंत्रालय और पुलिस को निर्देश दिया कि वे महिला के साथ रूसी दूतावास के अधिकारियों के संबंधों की भी जांच करें और यह भी पता लगाएं कि क्या उन्होंने (दूतावास के अधिकारियों ने) उसे दूसरे पासपोर्ट पर देश से बाहर जाने में मदद की थी।
 
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि रूसी दूतावास जांच में सहयोग कर रहा है और इसने सूचित किया है कि महिला पांच जुलाई को उसके वाणिज्य दूतावास अनुभाग में आई थी, लेकिन एक घंटे में दूतावास से चली गई थी।
 
भाटी ने पीठ को बताया, हमने महिला और उसके बच्चे के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया है और देश के सभी पुलिस थानों में लापता का नोटिस चस्पा कर दिया है। सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और बंदरगाहों से मिली जानकारी के आधार पर, हम कह सकते हैं कि वह कम से कम कानूनी तरीके से तो बच्चे के साथ देश से बाहर नहीं गई है।
उन्होंने कहा कि महिला के बैंक खाते में सिर्फ़ 160 रुपए हैं और उसके खाते से आखिरी बार 250 रुपए निकाले गए थे। पीठ ने कहा, यह बहुत ही विकट स्थिति है कि उसके बैंक खाते में सिर्फ़ 160 रुपए हैं। वह अपना और बच्चे का भरण-पोषण कैसे कर रही है? उसका पति उसे कुछ भी नहीं दे रहा है और यहां तक कि अदालत ने भी उसे कुछ नहीं दिया है।
 
शीर्ष अदालत ने अधिकारियों से रेलवे स्टेशनों पर जाकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं से यह सत्यापित करने को कहा कि क्या वह राष्ट्रीय राजधानी छोड़कर किसी अन्य स्थान पर गई है। भाटी ने आगे कहा कि भारत में रूसी राजदूत ने उन्हें सूचित किया था कि 10 जुलाई को महिला की मां ने रूस से फोन करके बताया था कि उसका पता नहीं लग पा रहा है या उससे संपर्क नहीं हो पा रहा है तथा उसके बाद उन्होंने दिल्ली पुलिस को सूचित किया था।
 
उन्होंने कहा कि बच्चे और मां का पता लगाने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है और देशभर के सभी पुलिस अधीक्षकों को नोटिस भेज दिए गए हैं। एएसजी ने यह भी कहा, हो सकता है कि वह घरेलू यात्रा पर गई हो, लेकिन कानूनी तरीक़े से देश से बाहर नहीं गई हो।
शीर्ष अदालत ने अधिकारियों को महिला का पासपोर्ट जब्त करने और भारत के सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और अन्य बंदरगाहों को सूचित करने का निर्देश दिया तथा आव्रजन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि वे (मां-बेटे) देश से बाहर न जाएं।
 
शीर्ष अदालत ने पहले विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को रूसी दूतावास के संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने और राजनयिक के आवासीय परिसर में प्रवेश करने की अनुमति लेने का निर्देश दिया था। दूतावास के अधिकारी को महिला के साथ चार जुलाई को आखिरी बार देखा गया था। शीर्ष अदालत ने 22 मई, 2025 को निर्देश दिया कि बच्चे की अभिरक्षा सप्ताह में तीन दिन (सोमवार, मंगलवार और बुधवार) को मां को दी जाए तथा शेष चार दिन बच्चे को उसके पिता की एकमात्र अभिरक्षा में रहने का निर्देश दिया जाए।
 
बच्चे की मां एक रूसी नागरिक है, जो 2019 से भारत में रह रही है। शुरुआत में वह एक्स-1 वीजा पर भारत आई थी, जिसकी अवधि बाद में समाप्त हो गई। हालांकि अदालती कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान, शीर्ष अदालत ने समय-समय पर वीजा की अवधि बढ़ाने का निर्देश दिया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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