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Delhi की हवा बनी दमघोंटू, कई इलाकों में AQI 400 के पार

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 13 नवंबर 2025 (14:01 IST)
Delhi Air Pollution News : दिल्ली में प्रदूषण कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। शहर का एक्यूआई गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। यहां जहरीली हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है। दिल्ली का AQI 407 दर्ज किया गया है। कई इलाके ऐसे हैं, जहां 450 तक एक्यूआई गया है। सबसे अधिक परेशानी बच्चों और बुजुर्गों को हो रही है। जिसके चलते कई कार्यों पर रोक लगा दी गई है, ताकि प्रदूषण को कंट्रोल किया जा सके। इसके अलावा पानी का छिड़काव भी लगातार किया जा रहा है। तापमान में कमी के साथ प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, पिछली बार शहर की वायु गुणवत्ता इतनी खराब दिसंबर 2024 में हुई थी।

खबरों के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण कम होने का नाम ही नहीं ले रहा, एक्यूआई गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। यहां जहरीली हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है। दिल्ली का AQI 407 दर्ज किया गया है। कई इलाके ऐसे हैं, जहां 450 तक एक्यूआई गया है। सबसे अधिक परेशानी बच्चों और बुजुर्गों को हो रही है। जिसके चलते कई कार्यों पर रोक लगा दी गई है, ताकि प्रदूषण को कंट्रोल किया जा सके।
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इसके अलावा पानी का छिड़काव भी लगातार किया जा रहा है। तापमान में कमी के साथ प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का AQI 407 दर्ज किया गया है। आज सवेरे दरियागंज के आसपास के इलाकों का एक्यूआई 455 दर्ज किया गया। बाहरी दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार पहुंच गया है।

बढ़ता एक्यूआई लोगों की चिंताएं बढ़ा रहा है। बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली में ग्रैप-3 नियमों को लागू किया गया है। राजधानी समेत एनसीआर में पराली जलाने की घटनाओं व वाहनों से निकलने वाले धुएं ने संकट बढ़ा दिया है। वाहनों से होने वाला प्रदूषण 17.97 फीसदी रहा जबकि हवा में पराली से होने वाला प्रदूषण 7.3 फीसदी रहा।
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निर्माण गतिविधियों से होने वाला प्रदूषण 2.65 फीसदी रहा। दीपावली के बाद से दिल्ली में कई इलाकों में एक्यूआई खराब और बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है जबकि ग्रैप-3 के प्रतिबंध लागू हैं। एक्यूआई के 'गंभीर' श्रेणी में जाना खतरनाक प्रदूषण स्तर को इंगित करता है, जो गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है, जो तंदुरुस्त व्यक्तियों को भी प्रभावित करता है। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, पिछली बार शहर की वायु गुणवत्ता इतनी खराब दिसंबर 2024 में हुई थी।
 
मुख्‍यमंत्री रेखा गुप्ता ने चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (ग्रेप) के चरण 3 के सख्त प्रवर्तन का निर्देश दिया, प्रवर्तन दलों की संख्या बढ़ाकर 2088 कर दी और प्रदूषण मानदंडों का उल्लंघन करने वाले निर्माण स्थलों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया है।
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सीपीसीबी वर्गीकरण के अनुसार, एक्यूआई को शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा', 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक', 101 से 200 के बीच ‘मध्यम', 201 से 300 के बीच ‘खराब', 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर' माना जाता है।
Edited By : Chetan Gour

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