Hate Speech : अब जस्टिस शेखर यादव की बढ़ेंगी मुश्किलें, CPM नेता ब्रिटास ने की महाभियोग की मांग

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 19 जुलाई 2025 (17:11 IST)
Justice Shekhar Yadav case : न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की मांग वाले नोटिस का लगभग सभी दलों द्वारा समर्थन किए जाने के बीच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता जॉन ब्रिटास ने शनिवार को कहा कि न्यायमूर्ति शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग के नोटिस पर भी विचार किया जाना चाहिए। ब्रिटास ने कहा, हमारा मानना है कि न्यायपालिका की अखंडता और पारदर्शिता बनाए रखने की जरूरत है। हम न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के पक्ष में हैं। हमने पहले ही महाभियोग प्रक्रिया का हिस्सा बनने की इच्छा व्यक्त कर दी है। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति यादव के खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग वाला नोटिस भी राज्यसभा के सभापति के पास लंबित है।
 
न्यायमूर्ति वर्मा इस वर्ष मार्च में दिल्ली स्थित अपने आवास के बाहरी हिस्से में आधी जली हुई नकदी की बोरियां मिलने के बाद से ही सवालों के घेरे में हैं। उस समय वे दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। न्यायमूर्ति वर्मा ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि न तो उन्होंने और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य ने भंडार गृह में मुद्रा जमा की थी।
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ब्रिटास ने कहा, हमारा मानना है कि न्यायपालिका की अखंडता और पारदर्शिता बनाए रखने की जरूरत है। हम न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के पक्ष में हैं। हमने पहले ही महाभियोग प्रक्रिया का हिस्सा बनने की इच्छा व्यक्त कर दी है। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति यादव के खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग वाला नोटिस भी राज्यसभा के सभापति के पास लंबित है।
 
ब्रिटास ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, तथापि, (न्यायमूर्ति) शेखर यादव के संबंध में राज्यसभा के सभापति के पास एक नोटिस लंबित है, उनके सभी बयान भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध थे। इसलिए, मुझे लगता है कि सरकार इन दोनों मामलों को एक साथ उठाएगी।
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संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा है कि वह न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर विभिन्न दलों के नेताओं के साथ समन्वय कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि संसद का एकीकृत रुख सामने आए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार नहीं, बल्कि पार्टी लाइन से ऊपर उठकर संसद के सदस्य न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने के लिए प्रस्ताव लाने के पक्ष में हैं।
 
पिछले साल दिसंबर में विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में न्यायमूर्ति शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग का नोटिस पेश किया था, क्योंकि उन्होंने पिछले साल एक सभा में नफरत भरा भाषण दिया था। माकपा नेता ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मणिपुर के लिए बजट आवंटित करने की जिम्मेदारी संसद को सौंप दी गई है।
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उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद को मणिपुर का बजट पारित करना पड़ रहा है। संसद को वहां राष्ट्रपति शासन फिर से बढ़ाना पड़ रहा है और हमारे माननीय प्रधानमंत्री के पास इतने सारे देशों की यात्रा करने का समय है लेकिन मणिपुर जाने या मणिपुर के मुद्दे को संसद में उठाने का समय नहीं है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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