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हैक हुई अल-फलाह यूनिवर्सिटी की वेबसाइट, क्या है इसका दिल्ली ब्लास्ट से कनेक्शन?

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

फरीदाबाद , बुधवार, 12 नवंबर 2025 (09:21 IST)
Faridabad news in hindi : हरियाणा में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी की वेबसाइट हैक कर ली गई। वेबसाइट की स्क्रीन पर एक धमकी भरे मैसेज में यूनिवर्सिटी को बंद करने और इस्लामिक जिहाद करने वालों को पाकिस्तान भेजने की बात कही गई। हालांकि कुछ ही घंटों में वेबसाइट को रिस्टोर कर लिया गया। 10 नवंबर को दिल्ली में हुए धमाके से भी फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी का कनेक्शन सामने आ रहा है।
 
हैक वेबसाइट पर स्क्रीन पर लिखा हुआ था कि भारत की धरती पर इस तरह की इस्लामिक यूनिवर्सिटी की कोई जगह नहीं है। अगर भारत में रहना है तो शांति से रहना होगा, नहीं तो इस्लामिक जिहाद करने वालों को भारत छोड़कर पाकिस्तान चले जाना चाहिए। इसे चेतावनी समझें, क्योंकि हम तुम्हारी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। इसे बंद करो, वर्ना हम तुम्हें बर्बाद कर देंगे।
 
वेबसाइट के लैंडिंग पेज पर एक संदेश दिखाया गया जिसमें लिखा था, 'HACKED BY INDIAN CYBER ALLIANCE'। वेबसाइट के डेटा लीक की पुष्टि नहीं हुई है और साइबर सेल मामले की जांच कर रही है। ALSO READ: मेडिकल शिक्षक से आतंक की अंधेरी गली तक, लखनऊ से गिरफ्तार डॉ. शाहीन की कहानी
 
10 नवंबर को दिल्ली में हुए धमाके से भी फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी का कनेक्शन सामने आ रहा है। यह यूनिवर्सिटी अब पुलिस और खुफिया एजेंसियों के रडार पर है। पुलिस ने यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले फैकल्टी मेंबर, कुछ छात्रों और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से पूछताछ की है। ALSO READ: Delhi Blast : तो टल गया बड़ा हमला, NIA करेगी दिल्ली ब्लास्ट की जांच, धमाके से जुड़े 10 बड़े अपडेट
 
अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉ शाहीन और डॉ मुजम्मिल समेत कई डॉक्टरों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस का कोर्स साल 2019 से शुरू हुआ था। कहा जा रहा है कि इस यूनिवर्सिटी में 40% डॉक्टर्स कश्मीर से हैं। 

अल-फलाह विश्वविद्यालय ने जारी किया बयान : अल-फलाह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. भूपिंदर कौर आनंद ने एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया है कि हम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम से व्यथित हैं और इसकी निंदा करते हैं। हमें यह भी पता चला है कि हमारे 2 डॉक्टरों को जाँच एजेंसियों ने हिरासत में लिया है। विश्वविद्यालय का इन व्यक्तियों से कोई संबंध नहीं है, सिवाय इसके कि वे विश्वविद्यालय में अपनी आधिकारिक क्षमता में काम कर रहे हैं। हम ऐसे सभी झूठे और अपमानजनक आरोपों की कड़ी निंदा करते हैं और उनका स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं। कुछ प्लेटफ़ॉर्म द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार, ऐसा कोई भी रसायन या सामग्री विश्वविद्यालय परिसर में इस्तेमाल, संग्रहीत या संभाली नहीं जा रही है।
 
बयान में कहा गया है कि विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं का उपयोग केवल और केवल MBBS छात्रों और अन्य अधिकृत पाठ्यक्रमों की शैक्षणिक और प्रशिक्षण आवश्यकताओं के लिए किया जाता है। विश्वविद्यालय संबंधित जांच अधिकारियों को अपना पूरा सहयोग दे रहा है ताकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामले में तार्किक, निष्पक्ष और निर्णायक निर्णय पर पहुंच सकें।
edited by : Nrapendra Gupta

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