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गर्म रातों के लिए एयर कंडीशनिंग का सस्ता विकल्प

हमें फॉलो करें गर्म रातों के लिए एयर कंडीशनिंग का सस्ता विकल्प
-स्वरांगी साने
गर्मियों की रात में आंगन में लेटकर बिताए फुर्सत के रात-दिन जैसे ही हवा हुए,  कूलर-एसी की जकड़न ने घेर लिया। गर्मियों में इनसे राहत तो मिल जाती है लेकिन जिस सुकून की तलाश रहती है, वह नहीं मिल पाता। 
 
पुणे के एक वैज्ञानिक ने ऐसा आविष्कार किया है, जो गर्मियों की रातों में एयर कंडीशनिंग की ठंडक देता है और ठंडी हवा पाने का सुकून भी। महज एक एक्जॉस्ट फैन एसी पर भारी पड़ सकता है और उसकी तुलना में एक सस्ता उपाय है, जो बिजली की बचत भी करता है।
 
ग्रीष्म ऋतु में केवल दिन में ही नहीं, रात में भी गर्मी परेशान कर देती है। ऐसी गर्मी से बचने का एक वैज्ञानिक और सस्ता उपाय आजमा रहे हैं भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम  विज्ञान संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी- आईआईटीएम) और जलवायु परिवर्तन अनुसंधान केंद्र (सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज रिसर्च सेंटर-सीसीसीआर), पुणे के  वैज्ञानिक डॉ. मिलिंद मुजुमदार और डॉ. अनंत फड़के।
 
गर्मियों की शामें-रातें अक्सर ठंडी होती हैं लेकिन घर के भीतर चलता तेज पंखा घर के  बाहर की तुलनात्मक शीतल हवा को बाहर ही रोक देता है। हवा हमेशा अधिक दबाव से  कम दबाव की ओर बहती है। ऐसे में यदि बाहर की ठंडी हवा को भीतर प्रवेश करवाना हो तो कमरे की हवा का दबाव बाहर की हवा के दबाव से कम करना होगा। 
 
जब हम पंखा लगाते हैं तो हम ठीक इसके विपरीत भीतर की हवा के दबाव को बढ़ा रहे  होते हैं। कमरे की छत की ओर जो हवा होती है, वह पंखे की वजह से तेजी से नीचे की  दिशा में उतरती है। इससे कमरे की हवा का दबाव बाहर की हवा की तुलना में ज्यादा होता है। जाहिरन भीतर की हवा का अधिक दबाव बाहर की ठंडी हवा को दरवाजे-खिड़कियों से अंदर नहीं आने देता। 
 
वैज्ञानिक डॉ. मिलिंद मुजुमदार और डॉ. अनंत फड़के वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखते हुए कहते हैं, ऐसे में हमें बाहर की ठंडी हवा को अंदर धकेलना होगा। अब वह कैसे हो? तो जवाब में वे कहते हैं, इसके लिए बाजार में मिलने वाला एक्जॉस्ट फैन आप खिड़की में, हो सके तो खिड़की से कुछ बाहर की ओर लगाइए। कई लोग रसोईघर या बाथरूम में छोटा एक्जॉस्ट लगाते हैं। खिड़की में जो एक्जॉस्ट लगाना है वह उससे बड़े आकार का होगा जिसके पंखों का व्यास 10 इंच (25 सेंटीमीटर, 2500 मिमी) होना चाहिए। 
 
बाजार में इसकी कीमत लगभग 1300-1500 रुपए है। इसकी विशेषता यह है कि हवा के बहाव के साथ इसके पंखे अपने-आप बंद-चालू होते हैं। यह पंखा 120 वर्गफीट कमरे के  लिए पर्याप्त है। शहर में पंखा बेचने वाले खासकर पंखों के बड़े विक्रेताओं के पास ऐसा  पंखा आसानी से मिल जाएगा। 
 
इसे लगाने का भी खास तरीका है। हमें कमरे की हवा बाहर नहीं जाने देना है, बल्कि बाहर की हवा को अंदर लाना है। इस वजह से आमतौर पर एक्जॉस्ट जिस तरीके से लगाते हैं इसे उसके विपरीत लगाना है। शाम को लगभग 7 बजे यह पंखा चालू कर दें। यदि सीलिंग फैन लगाना चाहें तो उसे ज्यादा तेज न करें।
 
आप देखेंगे कि रात में कमरे को ठंडा करने के लिए कम गति में चल रहा पंखा तब  पर्याप्त होगा। इतना ही नहीं, सुबह-सवेरे तो आपका मन करेगा कि पंखा बंद कर दिया  जाए या बिछौना लेकर सोया जाए। एक्जॉस्ट के साथ एक डिमर/ रेगुलेटर भी लगा लें ताकि  सुबह उसकी गति को कम किया जा सके। 
 
यदि कमरा बड़ा हो और एक एक्जॉस्ट से काम नहीं चल सकता तो पहली खिड़की से  विपरीत दिशा में जो खिड़की हो वहां दूसरा एक्जॉस्ट पंखा ऊपरी सतह में इस तरह लगाएं कि ऊपर की गर्म हवा बाहर जा सकें। गर्म हवा के बाहर जाने से कमरा ठंडा होने लगता है। इतना ही नहीं, भीतर हवा का दबाव कम हो जाने से जिस खिड़की से बाहर की हवा आ रही है उसका आना भी आसान हो जाता है। 
 
कमरे का आकार, खिड़की की दिशा, आसपास का परिसर और देश के जिस इलाके में आप रहते हैं उस पर इसका प्रभाव निर्भर करता है। जैसे समुद्र किनारे से आने वाली हवा शाम को ठंडी होती है, पुणे में भी शाम ठंडक लिए होती है। आंगन में बगीचा हो या बड़े  छायादार वृक्ष हो तब भी हवा ठंडी बहती है। 
 
समुद्री इलाकों से दूरस्थ क्षेत्रों में शाम को न सही, रात को ठंडी बयार चलती है। वहां शाम ढले इस एक्जॉस्ट का प्रभाव देखा जा सकता है। पुरानी मच्छरदानी का कपड़ा या दूसरा कोई मुलायम कपड़े को गीला कर इस पंखे पर डाला जाए तो प्रभाव और अधिक महसूस किया जा सकता है।
 
इस एक्जॉस्ट पंखे का वजन मात्र आधा किलो है जिसे खिड़की पर छोटी रस्सी की सहायता  से टांगा जा सकता है। सीलिंग फैन 75 वॉट का होता है जबकि यह पंखा मात्र 45 वॉट का होता है। 
 
एक्जॉस्ट फैन के इस तरह प्रयोग से जो हवा मिलती है उसके लिए एसी 20 गुना पैसा  और 30 गुना बिजली खर्च करवाता है। ग्लोबल वॉर्मिंग के दौर में इस विकल्प को अपनाया जा सकता है। हालांकि यह पंखा शाम-रात और सुबह जब तक बाहर की हवा ठंडी हो तब तक ही काम में लाया जा सकता है। 
 
कई लोग कूलर का प्रयोग करते हैं। यह सही है कि कूलर से ठंडी हवा मिलती है लेकिन  हवा में नमी भी बढ़ती है, जो कई बार नागवार होती है। कमरा ठंडा होने पर कूलर के  पानी की मोटर को 5 मिनट चालू और 5 मिनट बंद करते हुए आप नमी के साथ  पानी-बिजली के अपव्यय को भी बचा सकते हैं। इसके लिए साइक्लिकल टाइमर लगाया जा सकता है। यह टाइमर सस्ता होता है और हर कहीं आसानी से मिल जाता है। 

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